Madhya Pradesh

मप्रः दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित

लक्ष्मण सिंह (फाइल फोटो)

गुना, 11 जून (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और गुना जिले की चांचौड़ा विधानसभा के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस ने पार्टी विरोधी बयानों के चलते 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। बुधवार को पार्टी अनुशासन समिति के सदस्य तारिक अनवर ने इस संबंध में अधिकारिक पत्र जारी कर दिया है।

लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस से निष्कासित करने की वजह पार्टी विरोधी गतिविधि करना दर्शाया गया है। जानकारी सामने आई है कि 8-9 जून को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक प्रस्ताव एआईसीसी को भेजा था, जिसमें लक्ष्मण सिंह के निलंबन की सिफारिश की गई थी।

गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद 24 अप्रैल को लक्ष्मण सिंह ने अपने गृह नगर राघौगढ़ में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की ओर से निकाले गए कैंडल मार्च के बाद किला तिराहे पर श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं। कांग्रेस को तत्काल नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार से समर्थन वापस लेना चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि राहुलजी के जीजाजी रॉबर्ट वाड्रा कहते हैं कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढऩे देते, इसलिए आतंकवादियों ने हमला किया है। लक्ष्मण सिंह ने वाड्रा और राहुल गांधी को सोच-समझकर बात करने की नसीहत देते हुए कहाकि इन्हीं की नादनियों की वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं। लक्ष्मण सिंह ने अपनी बात रखते हुए पुरजोर तरीके से कहा था कि वह यह सभी बातें कैमरे पर कह रहे हैं, उनके लिए देश पहले है। अगर पार्टी को मुझे निकालना है तो निकाल दे। कांग्रेस के नेता 10 बार सोच-समझकर बोलें, नहीं तो चुनाव में उन्हें परिणाम भुगतना पड़ेगा।

संदिग्ध बताई थी उमर की भूमिका

लक्ष्मण सिंह ने पहलगाम हमले में उमर अब्दुल्ला की भूमिका को संदिग्ध बताया था। उनके मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश होने की वजह से मुख्यमंत्री को ही तय करना होता है कि कहां पुलिस तैनात होगी और कहां सेना की तैनाती की जाएगी। लेकिन पहलगाम में जहां हुआ है वहां पुलिस और सेना दोनों ही नहीं थे। उमर अब्दुल्ला आतंकियों का साथ क्यों दे रहे हैं, इस पर बात करते हुए लक्ष्मण सिंह ने था कि आतंक प्रभावित राज्यों का ऑडिट नहीं होता है। वहां की सरकारें नरसंहार करने वालों का सहारा ले रही हैं। इसलिए जम्मू-कश्मीर के नेता खरबपति हो चुके हैं। उमर अब्दुल्ला का बयान भी निदंनीय है। उन्होंने कहा था कि टूरिस्ट हवाई जहाज से आए थे और ताबूत में जा रहे हैं।

(Udaipur Kiran) / अभिषेक शर्मा

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