
जम्मू, 9 जून (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) जम्मू-कश्मीर इकाई ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें 29 से 31 मई तक रायपुर (छत्तीसगढ़) स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संपन्न राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद (एनईसी) बैठक के प्रमुख प्रस्तावों और निष्कर्षों को साझा किया गया। प्रेस वार्ता में एबीवीपी ने चार महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की: कोचिंग संस्थानों की शोषणकारी नीतियों पर नियंत्रण हेतु नीति निर्माण की मांग, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में हो रही देरी पर चिंता, भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक प्रतिष्ठा पर चर्चा, तथा विश्वविद्यालय परिसरों में बढ़ती राजनीतिक दखलंदाजी पर चिंता व्यक्त की गई।
संगठन ने हालिया सिंदूर और कागर सैन्य अभियानों में भारतीय सुरक्षाबलों की बहादुरी और रणनीतिक कुशलता की सराहना करते हुए देश की सुरक्षा में जुटे जवानों के प्रति एकजुट समर्थन प्रकट किया। इस अवसर पर एबीवीपी ने आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर देशभर में छात्रावास सर्वेक्षण, साहित्य प्रकाशन, पूजन कार्यक्रम व स्मृति यात्राएं आयोजित की जाएंगी। रानी अब्बक्का की 500वीं जयंती पर भी विविध आयोजनों की घोषणा की गई। इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 25 जून से विश्वविद्यालय परिसरों में संवाद, रैलियां और स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें पूर्व कार्यकर्ता व मीसा बंदियों की भागीदारी रहेगी। प्रो. यशवंतराव केलकर की जन्मशती पर क्षेत्रीय केंद्रों पर कार्यशालाएं, प्रदर्शनी व साहित्य प्रकाशन होंगे।
एबीवीपी ने आरएसएस की शताब्दी के मद्देनज़र पंच परिवर्तन अभियान के तहत संगठनात्मक विस्तार व गुणवत्ता सुधार पर भी ज़ोर देने की बात कही। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सचिव सन्नक श्रीवत्स ने कहा, हम छात्र कल्याण, शिक्षा सुधार व राष्ट्र निर्माण को प्राथमिकता देते हुए युवाओं को जोड़ेंगे। हमारी पूरी एकजुटता भारत की सुरक्षा बलों के साथ है। इस अवसर पर सीडब्ल्यूसी सदस्य अक्षी बिलोरिया और महानगर सचिव हरीश शर्मा भी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
