
हल्द्वानी, 9 जून (Udaipur Kiran) । हल्द्वानी स्थित डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभाग में जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने जा रहा है। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
दरअसल प्लांट लगने से न केवल मरीजों को रेफर होने की समस्या से निजात मिलेगी, बल्कि देश को टीबी मुक्त बनाने की सरकारी मुहिम को भी बल मिलेगा। एसटीएच के टीबी-चेस्ट विभाग में पर्वतीय व मैदानी इलाकों से इलाज को प्रतिदिन 90 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। इनमें से ज्यादा मरीजों की हालत गंभीर होती है।
ऐसे में इन मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। वर्तमान में मात्र 30 बेड होने के चलते नए भवन का निर्माण कराया गया। ऐसे में अब जहां 60 बेड का यह अस्पताल बन कर तैयार तो हो गया, वहीं भवन में ऑक्सीजन की सप्लाई न होने के कारण मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा था। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर गंभीर मरीज भर्ती नहीं होने से मायूस होकर घर को लौट जा रहे थे।
ऐसे में अब कॉलेज प्रबंधन ने नए भवन के लिए प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्लांट कहां पर कैसे लगना है इसे लेकर देहरादून से इंजीनियर्स की एक टीम ने करीब दो दिन पहले भवन का निरीक्षण किया है। जिन्होंने बताया कि यहां शीघ्र ही ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। ज्ञात हो कि टीबी पीड़ित मरीज के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिस कारण उन्हें 24 घंटे ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। फेफड़ों में ऑक्सीजन अवशोषण की क्षमता कम होने से बीमारी अधिक जटिल हो जाती है,जिससे फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचता है। इसके साथ ही मरीजों में खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिसके लिए सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है।
इस संबंध में सुशीला तिवारी अस्पताल में टीबी एंड चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आरजी नौटियाल का कहना है कि नए भवन में भर्ती मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था को देखते हुए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। देहरादून से आई इंजीनियरों की टीम ने प्लांट लगाने को लेकर मौका मुआयना किया है। टीम से 15 दिन के भीतर हर हाल में प्रपोजल बनाकर देने को कहा है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द प्लांट लगे ताकि मरीजों को नए भवन में भर्ती किया जा सके।
(Udaipur Kiran) / DEEPESH TIWARI
