
जम्मू, 8 जून (Udaipur Kiran) । नाट्य संस्था नाटरंग ने रविवार को यहां हिंदी नाटक ‘तीन अपाहिज’ की शानदार प्रस्तुति दी, जिसे विपिन कुमार अग्रवाल ने लिखा है और निर्देशन किया है नीरज कांत ने। यह प्रस्तुति नाट्य प्रेमियों के लिए एक सशक्त और बौद्धिक अनुभव रही। इस अवसर पर नाटरंग के निदेशक पद्मश्री बलवंत ठाकुर ने कहा कि देश के श्रेष्ठ लेखकों द्वारा लिखे गए ऐसे गहरे बौद्धिक नाटक न केवल कलाकारों बल्कि दर्शकों के लिए भी अत्यंत मूल्यवान होते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के नाटकों को प्रोत्साहित करना समय की मांग है ताकि शहर में एक स्वस्थ साहित्यिक और सांस्कृतिक वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने तीव्र गर्मी और प्रतिकूल मौसम के बावजूद प्रस्तुति को सफलतापूर्वक निभाने के लिए कलाकारों की सराहना की और शो मस्ट गो ऑन की भावना को जीवंत रखने के लिए उन्हें बधाई दी।
नाटक तीन अपाहिज एक चौराहे पर बैठकर संवाद करते तीन पात्रों — कल्लू, खल्लू और गल्लू — के माध्यम से राजनीतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक व्यवस्था की दिशाहीनता को उजागर करता है। यह नाटक एक प्रतीकात्मक व्याख्या है उस विकृति की, जिसने समाज को विचारशून्य, थका हुआ और निष्क्रिय बना दिया है। संवादों की अस्पष्टता और घटनाओं की व्यर्थता के माध्यम से लेखक दर्शाना चाहता है कि आधुनिकता की दौड़ में समाज ने अपनी मानवता खो दी है और सामूहिक अपंगता की ओर बढ़ रहा है।
प्रमुख कलाकारों में पवन वर्मा (जम्मू-कश्मीर राज्य पुरस्कार और संस्कृति मंत्रालय से राष्ट्रीय फैलोशिप प्राप्तकर्ता) ने शानदार अभिनय किया। उनके साथ आर्यन शर्मा, अदक्ष बगल, कुशल भट और कार्तिक कुमार ने भी प्रभावशाली भूमिकाएं निभाईं। यह प्रस्तुति न केवल एक कलात्मक उपलब्धि रही, बल्कि समाज के लिए एक विचारशील संदेश भी छोड़ गई।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
