Chhattisgarh

करेलीछोटी ऐसा गांव जहां ग्रामीण स्वयं के खर्च से कराते हैं पूरा विकास व निर्माण

करेलीछोटी गांव सेक्टर व कालोनी के तर्ज पर बना।
ग्राम पंचायत करेलीछोटी।

धमतरी, 8 जून (Udaipur Kiran) । जिले का एक गांव ऐसा जहां बाढ़ से बचने 73 साल पहले गांव के दाऊ ने भिलाई शहर के तर्ज पर गांव को स्वरूप दिया। मध्यप्रदेश शासन काल में राजधानी भोपाल से इंजीनियर बुलाकर 36 एकड़ जमीन पर मास्टर प्लान बनाकर गांव को आधुनिक ढंग से बसाया। गांव में जितना बेटा था, उतना प्लाट मकान बनाने के लिए काटा। शेष जमीन को नाली, सड़क, स्कूल, पंचायत भवन, खेलकूद मैदान समेत अन्य सुविधाओं का विस्तार किया। यह ऐसा गांव है, जो विकास के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहते, स्वयं के खर्च से पूरा विकास व निर्माण कराते हैं। वर्तमान में इस गांव के समिति में 30 लाख रुपये है।

प्रदेश का पहला खुशहाल और समृद्धशाली गांव धमतरी जिले का करेलीछोटी है, जो माडर्न गांव के तौर पर उभर रहा है। भारत को गांवों का देश कहा जाता है, क्योंकि अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। देश की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में गांवों का योगदान रहता है। ऐसा ही प्रदेश का पहला खुशहाल और समृद्धशाली गांव धमतरी जिले के मगरलोड विकासखंड का छोटीकरेली गांव है। इस गांव की खासियत है यह है कि भिलाई शहर की तर्ज पर सेक्टरों में गांव बसा हुआ है। यहां ड्रेनेज सिस्टम, चौड़ी सड़क ,पानी बिजली की व्यवस्था है। यह सब सम्भव हुआ है गांव के मालगुजार दाऊ पवन कल्याण के दूरदर्शी सोच के कारण। महानदी के तट में बसा यह गांव हर साल बरसात में बाढ़ की जद में आकर डूब जाता था, जिससे ग्रामीणों को घर से बेघर होना पड़ता था। दाऊ ने सन 1952 में गांव को सुरक्षित जगह बसाने की सोची और निर्णय लिया। गांव के नजदीक 36 एकड़ प्लाट को चिन्हांकित कर 1953 में राजधानी भोपाल से इंजीनियर बुलाया गया और गांव का मास्टर प्लान बनाकर गांव में स्कूल ,खेल मैदान, मंदिर, श्मशान घाट, राशन दुकान, सार्वजनिक स्थल निर्माण के 40 -40 फीट चौड़ी सड़क, 20 फीट की नाली, ड्रेनेज सिस्टम नाली के लिए जगह छोड़ी गई और जिस परिवार में जितने बेटे उतने प्लाट आबंटित किया गया।

समिति में 30 लाख से अधिक राशि जमा

ग्रामीणों ने बताया कि भविष्य में किसी का मुंह न ताकना पड़े इसके लिए एक समिति बनाई गई, जिसमें ग्रामीण पैसा जमा करते है। वर्ष 1952 में बनाई गई नीति नियम आज 70 साल बाद भी बखूबी से निभाया जा रहा है। आज भी गाव में सड़क बीजली स्कूल जैसे मूलभूत सुविधाएं के लिए समिति खर्च उठाता है । अब तक करीब एक करोड़ से अधिक के विकास कार्य गांव के समिति के द्वारा करवाया जा चुका है। वही आज भी गांव के समिति में 30 लाख से अधिक जमा है।

इस गांव में कोई भी अपराध नहीं

गांव में किसी गरीब परिवार के घर अंतिम संस्कार के लिए कफन से लेकर अंतिम संस्कार का खर्च समिति वहन करता है। गांव में अपराध भी शून्य है। विवाद कि स्थित में समिति का निर्णय अंतिम होता है, यही वजह है की थाने में एक भी एफआईआर इस गांव की नहीं है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने इस गांव में मुआयना करने की बात कही है और आने वाले समय में छोटीकरेली को अवार्ड के लिए नामांकित भी किया जाएगा। इस गांव में छोटे उद्योग लगाकर रोजगार मूलक काम के किए ग्रामीण को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई जा रही है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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