
गुवाहाटी, 7 जून (Udaipur Kiran) । असम प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि एक दशक पहले जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार सत्ता में आई थी, तब उन्होंने सबका साथ, सबका विकास के संकल्प के साथ एक नए भारत के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया। एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांतों पर आधारित इस सुशासन यात्रा ने समाज के हर वर्ग को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।
हाल ही में विश्व बैंक द्वारा जारी आंकड़े इस परिवर्तन की पुष्टि करते हैं। भाजपा, असम प्रदेश द्वारा मीडिया को जारी बयान में कहा गया कि 2011-12 में देश की कुल आबादी का 27.10 फीसदी हिस्सा अत्यंत गरीबी रेखा के नीचे था, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा घटकर केवल 5.3 फीसदी रह गया है। वर्ष 2022-23 में भारत की कुल जनसंख्या 1.438 अरब थी।
विश्व बैंक के 2017 के मानकों के अनुसार, प्रतिदिन 2.15 अमरीकी डॉलर से कम कमाने वाला व्यक्ति अत्यंत गरीब माना जाता है, जबकि 2.15 डालर से अधिक और 3.65 डालर से कम आय वाले लोग निम्न मध्यम-आय वर्ग में आते हैं। 2021 में इन मानकों को संशोधित कर अत्यंत गरीबी की सीमा 3 डालर प्रतिदिन तथा निम्न मध्यम-आय सीमा 4.2 डालर प्रतिदिन कर दी गई।
एक और बड़ी उपलब्धि यह रही कि 2011-12 में 57.70 फीसदी भारतीय निम्न मध्यम-आय वर्ग में आते थे, जबकि 2022-23 में यह आंकड़ा घटकर केवल 23.9 फीसदी रह गया है।
भाजपा असम प्रदेश के प्रवक्ता लख्य कोंवर ने बयान में बताया कि विश्व बैंक के एक अन्य संकेतक– प्रति व्यक्ति मासिक उपभोग व्यय– में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह व्यय 2011-12 के 1,430 रुपये से बढ़कर 2023-24 में 2,029 रुपये हो गया है, जो 45.4 फीसदी की वृद्धि है। शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा 2,630 रुपये से बढ़कर 3,632 रुपये हो गया है, जो 38 फीसदी की बढ़त दर्शाता है।
कोंवर ने इसे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए कहा कि समावेशी विकास की यह यात्रा सरकार को जनता के और निकट ला रही है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
