Chhattisgarh

जामुन तोड़ने गई सात वर्षीय बच्ची की बिच्छू काटने से मौत

जिला अस्पताल धमतरी।

धमतरी, 7 जून (Udaipur Kiran) । मगरलोड थाना अंतर्गत ग्राम परसवानी की सात साल की बच्ची की बिच्छू काटने से मौत हो गई है। जिला अस्पताल में विगत दो दिनों से बिच्छू काटने की शिकायत लेकर मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।

जिला अस्पताल के पुलिस सहायता केंद्र से शन‍िवार को मिली जानकारी अनुसार मगरलोड थाना अंतर्गत ग्राम परसवानी की कक्षा दूसरी की छात्रा खिलेश निषाद शुक्रवार को दोपहर 12 : 30 बजे अपने दोस्तों के साथ गांव के रोड की ओर जामुन तोड़ने गई थी। इस दौरान छात्रा को बिच्छू ने काट दिया। जिससे स्वजनों ने तत्काल उपचार के लिए मेघा ले गए। यहां से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मगरलोड लाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल धमतरी लाएं। यहां स्थिति बिगड़ता देख शहर के निजी अस्पताल ले गए। उपचार के दौरान रात 8 : 15 बजे मौत हो गई। जिसका शव पंचनामा कार्रवाई शनिवार को जिला अस्पताल में किया गया।

जिला अस्पताल में गुरुवार को ग्राम खरतुली के 52 वर्षीय केजउ राम और ग्राम बगौद के 39 वर्षीय राजकुमार बिच्छू काटने की शिकायत लेकर पहुंचे। जिनका उपचार चल रहा है। वहीं शुक्रवार को ग्राम धौंराभाठा की सरोज ध्रुव 45 साल को बिच्छू काटने की वजह से महिला वार्ड में भर्ती कराया गया है। वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ संजय वानखेड़े ने बताया कि बहुत दिनों तक नहीं कांटे बिच्छू का जहर का असर ज्यादा होता है। कभी-कभी खुद की लापरवाही से सांप और बिच्छू कांटते हैं। कई ग्रामीण इससे खेलते भी है। बिच्छू का डंक आखिरी सिरे के पूंछ में रहता है। बिच्छू खुद को लोगों से दूर रखने के लिए पत्थरों और शुष्क स्थानों पर सिकुड़ कर रहती है। बिच्छू के कांटने पर फार्मिक एसिड जैसा जहर रहता है। जो दर्द पैदा करता है। दर्द नहीं सहने कर पाने वाले मरीजों की मौत हो जाती है। बिच्छू कांटने से बहुत दर्द होता है। पसीना ज्यादा आता है। ज्यादा पसीना बहने से डिहाइड्रेशन बढ़ जाता है। जिससे मौत जाती है। बिच्छू कांटने का डर भी मौत का मुख्य कारण है। बिच्छू कांटने पर तत्काल मरीज को अस्पताल ले जाएं। समय पर उपचार होने से मौत से बचा जा सकता है।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

Most Popular

To Top