
कानपुर, 06 जून (Udaipur Kiran) । संस्थान ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 100 दिनों के काउंटडाउन के तहत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाई है। इसमें वॉकिंग, दो योग सेशन और एक व्याख्यान शामिल है। यह हमारी तैयारी का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आईआईटी कानपुर में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह बातें शुक्रवार को प्रो. सुमन सौरभ ने कही
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी कानपुर) में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से पहले पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए योग विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में योग और नैचुरोपैथी के जरिए स्वास्थ्य और पर्यावरण स्थिरता के आपसी संबंध को लेकर चर्चा की गई। योग दिवस को लेकर 10 तरह के विशिष्ट कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। जिनमें योग अनप्लग्ड, योग प्रभाव और हरित योग कार्यक्रम शामिल हैं। योग से जुड़े इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य योग की विभिन्न विधाओं और उसके प्रकृति से संबंध के बारे में बताना है। इसके साथ ही, डॉ. के. सत्य लक्ष्मी ने सभी लोगों से योग कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाने और अपने रोजमर्रा के जीवन में योग को शामिल करने पर जोर दिया। भारतीय नैचुरोपैथी को वैश्विक स्तर पर उत्कृष्टता मिली है। आज दुनियाभर के कई देश इस प्राचीन पद्धति को सीखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं। इसके अलावा, डॉ. लक्ष्मी ने वहां मौजूद लोगों को सलाह देते हुए कहा कि योग करने के दौरान वह जल्दबाज़ी में नहीं बल्कि धीरे-धीरे और पूर्ण जागरूकता के साथ योगाभ्यास करें। उन्होंने यह भी बताया कि सभी नैचुरोपैथी ट्रीटमेंट्स शरीर की शुद्धि के सिद्धांत पर आधारित हैं।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
