
– जिलाधिकारी ने बैठक में दिखाई सख्ती, आठ गांवों में चल रही प्रक्रिया की समीक्षा
मीरजापुर, 06 जून (Udaipur Kiran) । जिले में चल रही चकबन्दी प्रक्रिया में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने चकबन्दी कार्यों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई के संकेत दे दिए।
बैठक के दौरान हरदी मिश्र गांव में कार्य में शिथिलता मिलने पर संबंधित चकबन्दी लेखपाल का वेतन रोक दिया गया। यह कदम जिलाधिकारी की स्पष्ट चेतावनी का संकेत था कि तय समयसीमा में कार्य निपटना चाहिए, वरना जवाबदेही तय होगी। चकबन्दी एसओसी ने बताया कि जिले के आठ गांवों में धारा-7 (भू-चित्र पुनरीक्षण) की प्रक्रिया चल रही है, जिनमें से पांच गांवों में कार्य पूर्ण हो चुका हैं।
जिलाधिकारी ने धारा-8 से लेकर धारा-27 तक की प्रक्रियाओं—जैसे पड़ताल, विनिमय अनुपात निर्धारण, वार्षिक रजिस्टर निर्माण, कब्जा परिवर्तन और अंतिम अभिलेख निर्माण की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने दो टूक कहा, चकबन्दी का हर चरण समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न होना चाहिए। उन्होंने धारा-20 के तहत चकबन्दी योजना के प्रकाशन और धारा-23 में पुष्टीकरण जैसे लंबित मामलों को शीघ्रता से निपटाने के निर्देश दिए। इसके अलावा धारा-48(1) व 48(3) के अंतर्गत उप संचालक चकबन्दी को निस्तारण कार्य में तेजी लाने को कहा।
बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह, बंदोबस्त अधिकारी चकबन्दी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
