
वाशिंगटन, 06 जून (Udaipur Kiran) । अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के चार जजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ट्रंप प्रशासन ने आईसीसी के इन जजों पर न्यायालय का राजनीतिकरण करने और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि इन चार जजों में से एक ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया। दूसरे ने अफगानिस्तान में अमेरिकी कर्मियों की कार्रवाई की आलोचना करते हुए उन्हें निशाना बनाया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि पिछले साल आईसीसी के प्रीट्रायल और ट्रायल डिवीजन के न्यायाधीश रेइन एडिलेड सोफी अलापिनी गांसौ और उनकी बेटी जज होहलर ने नेतन्याहू और पूर्व रक्षामंत्री योव गैलेंट को लक्षित करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। युगांडा के न्यायाधीश सोलोमी बलुंगी बोसा और पेरू के लूज डेल कारमेन इबनेज कैरान्जा आईसीसी के अपील डिवीजन की एक टीम का हिस्सा थे। इस टीम ने अफगानिस्तान में अमेरिकी कर्मियों के खिलाफ जांच शुरू करने का मार्ग प्रशस्त किया।
विदेशमंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान में कहा कि आईसीसी के न्यायाधीशों के रूप में इन चार व्यक्तियों ने अमेरिका और उसके करीबी सहयोगी इजराइल को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि आईसीसी का राजनीतिकरण हो चुका है। यह प्रतिबंध किस तरह के हैं, इस पर स्पष्ट नहीं किया गया है। अमेरिका के इस कदम पर आईसीसी ने जारी बयान में कहा कि यह उपाय एक अंतरराष्ट्रीय न्यायिक संस्था की स्वतंत्रता को कमजोर करने का स्पष्ट प्रयास है। नवंबर 2024 में आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान ने नेतन्याहू और गैलेंट के साथ-साथ हमास के तीन वरिष्ठ नेताओं के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए। इस कदम का बाइडेन प्रशासन ने भी विरोध किया था। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली यौन दुराचार जांच के बीच खान अपनी भूमिका से इस्तीफा दे चुके हैं।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
