
कटरा, 06 जून (Udaipur Kiran) । कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू होने के साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को इस परियोजना की आठ उल्लेखनीय विशेषताएं साझा कीं। उन्होंने इस परियोजना को इंजीनियरिंग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में वर्णित किया, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि इसमें भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग टी-50 शामिल है। खारी और सुंबर के बीच स्थित यह सुरंग 12.77 किमी लंबी है। इसके अतिरिक्त रेल लिंक में भारत की दूसरी सबसे लंबी परिवहन सुरंग, टी-80 (11.22 किमी) है। बनिहाल और काजीगुंड के बीच स्थित इसे पीर पंजाल रेलवे सुरंग के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत की तीसरी सबसे लंबी रेलवे सुरंग टी-44 सावलकोट-सांगलदान के बीच 11.13 किलोमीटर से अधिक लंबी है। वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना में 36 मुख्य सुरंगों का निर्माण शामिल है, जिनकी कुल लंबाई 119.6 किलोमीटर है। साथ ही आठ एस्केप सुरंगें भी हैं, जिनकी कुल लंबाई 66.4 किलोमीटर है। उन्होंने चिनाब ब्रिज के बारे में भी बताया कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है, जिसकी लंबाई 1.3 किलोमीटर है। यह 359 मीटर ऊंचा है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है। निर्माण में 600 किलोमीटर से अधिक स्टील वेल्डिंग शामिल है, जो जम्मू से दिल्ली तक रेलवे ट्रैक की लंबाई से अधिक है।
वैष्णव ने इस अवसर पर प्रतिष्ठित अंजी ब्रिज को प्रदर्शित किया, जो भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज है। 725.5 मीटर लंबा यह पुल एक केंद्रीय तोरण की धुरी पर टिका हुआ है और नींव के शीर्ष से एक तोरण की ऊंचाई 193 मीटर है। अद्भुत बात यह है कि सभी 96 स्टे केबल केवल 11 महीनों के भीतर स्थापित किए गए थे जिनकी कुल लंबाई 653 किमी है जो जम्मू से दिल्ली की दूरी से भी अधिक है।उन्होंने बताया कि बर्फीले इलाके में महत्वपूर्ण समस्या सभी मौसम में ट्रेन की आवाजाही थी, जिसे दूर करने के लिए वंदे भारत ट्रेनों में आइस कटर लगाया गया है, ताकि पटरियों से बर्फ साफ करके सभी मौसम में ट्रेन की आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
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(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
