Uttar Pradesh

महाप्रबंधक ने अंतरराष्ट्रीय रेल समपार जागरूकता दिवस पर मोबाइल वीडियो वैन किया रवाना

मोबाइल वैन रवाना करते जीएम

-उत्तर मध्य रेलवे में कुल 544 लेवल क्रॉसिंग

प्रयागराज, 05 जून (Udaipur Kiran) । अंतरराष्ट्रीय रेल समपार जागरूकता दिवस के उपलक्ष्य में गुरूवार को उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी तथा अन्य विभागाध्यक्षों के साथ समपारों के बारे में संरक्षा जागरूकता प्रसारित करने के लिए एक मोबाइल वीडियो वैन को हरी झंडी दिखाकर मुख्यालय से रवाना किया।

महाप्रबंधक ने कहा कि मोबाइल वीडियो वैन के माध्यम से सड़क उपयोगकर्ताओं को लेवल क्रॉसिंगों की महत्ता एवं सुरक्षा सावधानियों के बारे में जागरूक किया जाएगा। बंद रेल फाटकों को पार करते समय सभी को सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि एक छोटी सी चूक कभी-कभी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। उन्होंने रेल समपारों के उन्मूलन, गेटों की इंटरलॉकिंग, तथा आरओबी-आरयूबी के निर्माण पर भी बल दिया। अगले 45 दिनों के दौरान, यह मोबाइल वैन उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों को कवर करेगी। वैन में जागरूकता प्रसारण के लिए कई लघु फिल्में बनाई गई हैं।

वरिष्ठ जनसम्पर्क अधिकारी अमित मालवीय ने बताया कि सोशल मीडिया आदि के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा, रेल कर्मियों में संरक्षा की आदत डालने के लिए पूरे जोन के स्टेशनों, प्रशिक्षण केंद्रों पर संरक्षा सेमिनार भी आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान 2009 में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) द्वारा शुरू किया गया था। यूआईसी एक अंतरराष्ट्रीय रेलवे संगठन है जो दुनिया भर के रेल संगठनों द्वारा समर्थित है। प्रति वर्ष, लगभग 50 देश इस आयोजन में भाग लेते हैं और दुनिया भर में समपारों पर दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से साझा किया जाता है।

ज्ञात हो कि, उत्तर मध्य रेलवे में कुल 544 लेवल क्रॉसिंग हैं। पिछले वर्ष 2024-25 में 18 आरओबी और 85 आरयूबी का निर्माण किया गया और 90 मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग को समाप्त किया गया। 41 लेवल क्रॉसिंगों को इंटरलॉक किया गया। वर्तमान वित्त वर्ष में 30 आरओबी निर्माण का; 75 आरयूबी-एलएचएस निर्माण का और 65 लेवल क्रॉसिंग का उन्मूलन किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मई के अंत तक 06 लेवल क्रॉसिंग को समाप्त किया जा चुका है।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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