Jammu & Kashmir

कश्मीर की परंपरागत क्रिकेट बैट उद्योग को आधुनिक बनाने की दिशा में एनआईटी श्रीनगर की बड़ी पहल

कश्मीर की परंपरागत क्रिकेट बैट उद्योग को आधुनिक बनाने की दिशा में एनआईटी श्रीनगर की बड़ी पहल

जम्मू, 4 जून (Udaipur Kiran) । कश्मीर की ऐतिहासिक क्रिकेट बैट उद्योग के आधुनिकीकरण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) श्रीनगर में दो वर्ष लंबी टेक्नोलॉजी गैप असेसमेंट स्टडी के समापन पर वैलेडिक्टरी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस परियोजना को टेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन, फोरकास्टिंग एंड असेसमेंट काउंसिल द्वारा प्रायोजित किया गया था और इसका उद्देश्य कश्मीर की इस विरासती हस्तशिल्प उद्योग में मौजूद तकनीकी कमियों की पहचान कर उन्हें दूर करना था।

डॉ. साद परवेज (प्रमुख अन्वेषक) और डॉ. नूर ज़मान खान (सह-अन्वेषक) के नेतृत्व में शोध टीम ने इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष और रणनीतिक सिफारिशें प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा यह अध्ययन स्थानीय उद्योगों को अकादमिक शोध से जोड़ने के हमारे व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है। कश्मीर का क्रिकेट बैट उद्योग हमारी विरासत है, जिसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए आधुनिक तकनीक से लैस करना जरूरी है। अध्ययन में पाँच प्रमुख सुधार क्षेत्रों की पहचान की गई जिसमे सप्लाई चेन का आधुनिकीकरण, तकनीकी उन्नयन, सुरक्षित निर्माण प्रक्रियाएं, डिजिटल मार्केटिंग और प्रोडक्शन प्लानिंग और नियंत्रण शामिल है।

शोध में बताया गया कि कच्चे माल की उपलब्धता, सटीक पूर्वानुमान और इन्वेंट्री प्रबंधन के जरिए सप्लाई चेन को मजबूत किया जा सकता है। वहीं, परंपरागत औजारों की जगह मॉइस्चर मॉनिटरिंग, प्रिसीजन कटिंग, ऑटोमैटेड शेपिंग और क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम जैसी तकनीकों से उत्पादन की गुणवत्ता में स्थिरता लाई जा सकती है। कार्यशाला में श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर भी सुझाव दिए गए जैसे कि एर्गोनोमिक वर्कस्टेशन, सुरक्षित औजार उपयोग और हवा की गुणवत्ता में सुधार आदि। इसके साथ ही डिजिटल मार्केटिंग के जरिए वैश्विक ग्राहकों तक पहुंच और डेटा-आधारित उत्पादन प्रबंधन को उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने वाला बताया गया।

कार्यक्रम में जेएंडके के एजीएम खुर्शीद मुजफ्फर ने संस्थागत सहयोग का आश्वासन दिया जिससे वित्तीय और अवसंरचनात्मक सहायता सुनिश्चित की जा सकेगी। वर्कशॉप में कारीगरों, उद्योगपतियों, नीति-निर्माताओं और वित्तीय संस्थानों की भागीदारी रही। सभी हितधारकों ने उद्योग को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाने के लिए सुधारों को तुरंत लागू करने की प्रतिबद्धता जताई और परंपरा व नवाचार को एक साथ लेकर चलने की बात कही। इससे उम्मीद जगी है कि कश्मीर का क्रिकेट बैट उद्योग अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो सकेगा।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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