RAJASTHAN

ऐसे पेड़ लगाएं जो भरपूर छांव और ऑक्सीजन दें- राज्यपाल बागडे

राजयपाल हरिभाऊ बागड़ेवर्ल्ड एनवायरमेंट डे समिट 2025 में
राजयपाल हरिभाऊ बागड़ेवर्ल्ड एनवायरमेंट डे समिट 2025 में

जयपुर, 4 जून (Udaipur Kiran) । राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि पर्यावरण की समस्या नैसर्गिक नहीं है। मिलकर प्रयास करें तो हम पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं। उन्होंने ऐसे पेड़ लगाने पर जोर दिया जो अधिक से अधिक छांव दें और भरपूर ऑक्सीजन दें। उन्होंने कहा कि बरगद और पीपल दिनरात ऑक्सीजन देते हैं। उन्होंने ऐसे पेड़ लगाए जाने की आवश्यकता जताई जिनसे भरपूर छांव रहे। इससे भूमि गर्म नहीं होगी। भूमि गर्म नहीं होगी तो हवा गर्म नहीं होगी। इसी से पर्यावरण शुद्ध रहेगा।

राज्यपाल बागडे बुधवार को एक निजी होटल में राजस्थान एनवायरनमेंट एंड एनर्जी कंजर्वेशन द्वारा आयोजित वर्ल्ड एनवायरमेंट डे समिट 2025 में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित भी किया।

राज्यपाल ने कहा कि पेड़ लगेंगे तभी बारिश होगी। उन्होंने जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पानी रोकने के लिए प्रयास हों। पानी रुकेगा तभी भूमिगत जल संरक्षण हो सकेगा। उन्होंने जलयुक्त गांव बनाए जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आकाश से पानी गिरे तो उसे बहने नहीं दें, वहीं रोकें। इसी से जल को बचा पाएंगे। महाराष्ट्र में ऐसे प्रयास हुए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि कुलाधिपति के रूप में उन्होंने विश्वविद्यालयों में खाली स्थानों पर पेड़ लगाने के लिए पत्र लिखा हैं। उन्होंने कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर स्व प्रेरणा से पेड़ लगाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संख्या की बजाय पनपने वाले बड़े पेड़ लगाएं और उनका संरक्षण करें। इसी से पेड़ों का पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक उपयोग हों सकेगा।

नगरीय विकास मंत्री झाबरमल खर्रा ने वृक्ष लगाने, जल संरक्षण और स्वच्छता के लिए किशोर और युवा वर्ग को आगे आकर पहल करने का आह्वान किया। उन्होंने नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी में जागरूकता आ जाएगी तभी सार्थक हो सकेगा।

पद्मश्री लक्ष्मण सिंह ने गांवों में पानी की होती जा रही कमी के साथ जल संरक्षण के लिए लापोड़िया में सामूहिक भागीदारी से खुदवाए देव सागर, अन्न सागर आदि तालाबों, गोचर संस्कृति और पेड़ लगाने आदि के लिए किए कार्यों के बारे में अनुभव साझा किए।

पशुपालन विभाग के शासन सचिव समित शर्मा ने भूजल के गिरते स्तर और जल अभाव की भविष्य में उत्पन होने वाली स्थितियों पर प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने समय रहते प्रकृति, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्य किए जाने का आह्वान किया।

——

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top