Maharashtra

पर्यावरण दिवस पर टीएमसी का 2 लाख पेड़ लगाने का संकल्प

Tmc resolves to plant 2lakhs trees one year

मुंबई ,4जून ( हि. स.) ।विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ठाणे महानगरपालिका ने ‘ग्रीन ठाणे अभियान’ के तहत एक साल में दो लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया है। इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ गुरुवार, 05 जून को किया जाएगा। पिछले साल डेढ़ लाख पौधे लगाए गए थे।

इस वृक्षारोपण अभियान में पलास, बेल, नीम, कंचन, सीताशोक, जांभोल, पारिजातक, शीशम, कोकम, शिवन, करंज, अडूलसा, तगर, लिम्बु, कामिनी, बकुल, बांस आदि देशी वृक्ष शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री के हरित ठाणे अभियान की योजना मनपा आयुक्त सौरभ राव के निर्देशानुसार बनाई गई है। इस अभियान के तहत अब तक दो लाख पांच हजार वृक्ष लगाने की विस्तृत योजना बनाई गई है। इनमें से 18 हजार 500 वृक्ष लगाए जा चुके हैं। जबकि शेष एक लाख 86 हजार 500 वृक्षों को चरणबद्ध तरीके से लगाने के लिए समयबद्ध कार्यक्रम बनाया गया है। वृक्षारोपण में सभी की भागीदारी इस अभियान में ठाणे में कुल दो लाख पांच हजार वृक्ष लगाए जाएंगे। इसमें 30 हजार पौधे मियावाकी पद्धति से, पांच हजार पौधे विभिन्न विकासकर्ताओं के माध्यम से, पांच हजार पौधे निजी संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों, सामाजिक संगठनों, आवासीय परिसरों और सरकारी कार्यालयों की भागीदारी से लगाए जाएंगे। साथ ही अंतिम चरण में 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इनमें से पांच हजार पौधे रोपे जा चुके है। ठाणे मनपा बांस प्रजाति के 5हजार पेड़ अटकोली में लगाने जा रही है।

वृक्ष अधिकारी राजेश सोनवाने ने बताया कि ठाणे मनपा की योजना क्षेत्रीय वन विभाग और संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र में कुल एक लाख तीन लाख पौधे लगाने की है। इसमें स्थानीय प्रजाति के 80 हजार पौधे लगाए जाएंगे, जबकि बांस की प्रजाति के 50 हजार पौधे लगाए जाएंगे।कॉलशेत में 20हजार पेड़ लगाए जाएंगे।

उद्यान अधीक्षक केदार पाटिल का कहना है कि पिछले साल ठाणे महानगरपालिका ने इस अभियान में कुल एक लाख 27 हजार पेड़ लगाए थे। जिसमें से ठाणे के सभी वार्डों में 49 हजार 244 पेड़ लगाए गए थे। नागला बंदर में मियावाकी पद्धति से 1500 पेड़ लगाए गए। साथ ही, नगर निगम और निजी स्कूलों और कॉलेजों में 5400 पेड़ लगाए गए। ठाणे और अन्य जगहों पर मेट्रो लाइन के नीचे 11 हजार बांस के पेड़ लगाए गए। वहीं, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में 60 हजार पेड़ लगाए गए। इसमें से 40 हजार पारंपरिक तरीके से और 20 हजार पेड़ मियावाकी पद्धति से लगाए गए हैं।

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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

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