Madhya Pradesh

अधिक मूल्य वाली फसलों के उत्पादन पर जोर दें: कृषि उत्पादन आयुक्त

इंदौर में समीक्षा बैठक

इंदौर, 4 जून (Udaipur Kiran) । कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने कहा कि अधिकारी किसानों से आग्रह करें कि वे कम मूल्य की फसलों के बजाय अधिक मूल्य वाली फसलों का उत्पादन अधिक करें। कृषि उत्पादन में वैज्ञानिक तकनीकों का प्रयोग करें और नवाचार को अधिक से अधिक बढ़ावा दें। फसल उत्पादन के लिए किसानों को समय पर बीज, उर्वरक आदि उपलब्ध कराएं। खेतों में बीटी कॉटन के साथ अन्य कपास की प्रजातियों का भी उत्पादन करें, जिससे कीटों की समस्या कम होगी।

कृषि उत्पादन आयुक्त वर्णवाल बुधवार को इंदौर में एआईसीटीएसएल के सभाकक्ष में रबी- 2025 की समीक्षा एवं खरीफ- 2025 के कार्यक्रम निर्धारण हेतु संभागीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में उद्यानिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन, कृषि विभाग के सचिव एम. शेलवेन्द्रम, संभागायुक्त दीपक सिंह, उद्यानिकी विभाग की आयुक्त प्रीति मैथिल, मार्केफेड एमडी के आलोक सिंह, सहकारिता आयुक्त मनोज पुष्प, कृषि विभाग के संचालक अजय गुप्ता, इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह सहित संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने कृषि, उद्यानिकी, खाद्य प्रसंस्करण, सहकारिता एवं अन्य संबंधित संस्थाओं की योजनाओं, कार्यक्रमों और उपलब्धियों के संबंध में समीक्षा की। बैठक में सभी जिलों के कलेक्टर्स ने अपने-अपने जिलों में कृषि क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारों के बारें में बताया। आयुक्त वर्णवाल ने झाबुआ कलेक्टर नेहा मीणा के द्वारा कृषि क्षेत्र में किये गए नवाचार के लिए उनकी सराहना की। कलेक्टर नेहा मीणा ने कृषि क्षेत्र से संबंधित अरहर पूसा-16 के उत्पादन का नवाचार किया, जिसके अच्छे परिणाम भी प्राप्त हुए।

बैठक में आयुक्त वर्णवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्धारित समय-सीमा में लक्ष्य पूर्ति करें। राज्य शासन की समस्त योजनाओं का लाभ हितग्राही किसानों को मिले और कोई भी इससे वंचित नहीं रहें। हितग्राहियों के खाते खुलवाकर उनको आधार एवं समग्र आईडी से ईकेवायसी करवाना सुनिश्चित करें। किसानों के द्वारा उत्पादित फसल का भुगतान समय सीमा में सुनिश्चित किया जाये। अधिकारी योजना बनाकर निश्चित समयावधि में कार्य करें। मैदानी स्तर पर जाकर भौतिक सत्यापन के साथ इसकी मॉनिटरिंग भी करें। सहकारिता बैंक अधिकारी कृषि ऋण वसूली में तेजी लायें। कार्यों में किसी तरह की लापरवाही, अनियमितता और अनुशासनहीनता नहीं बरते, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।

बैठक में आयुक्त वर्णवाल ने कहा कि सोयाबीन फसल के विकल्प के रूप में अरहर पूसा-16 को लगाकर उत्पादन बढ़ाया जायें। शीत ऋतु में अरहर फसल की पैदावार नहीं करें, क्योंकि पाला पड़ने से इसका उत्पादन प्रभावित होता है। फसल उत्पादन के लिए किसान डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में जैविक खाद का इस्तेमाल करें। किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए मिट्टी परीक्षण करने के लिए प्रेरित करें। बेहतर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला बनायें। किसानों की सुविधा के लिए सभी जिलों में खाद वितरण केन्द्र बनायें जायें। किसानों की सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए भण्डारण केन्द्र पर पर्याप्त विश्राम शेड की व्यवस्था की जायें।

उन्होंने कहा कि संभाग में कोई भी किसान नरवाई (फसल अवशेष) नहीं जलायें। नरवाई जलाने से पर्यावरण को नुकसान होता है। नरवाई जलाने वाले किसानों के विरूद्ध पंचनामे और अर्थदण्ड की कार्रवाई में तेजी लाएं, जो किसान नरवाई जलायेगा उसे किसान सम्मान निधि से वंचित किया जायेगा। ई-मण्डी में भुगतान प्राप्त करने वाले किसानों को अधिक समय लग रहा है, उस पर ध्यान दिया जायें। यह प्रयास करें कि किसानों को ई-मण्डी में अपने भुगतान के लिए अधिकतम 5 घंटे से अधिक समय नहीं लगें। सहकारिता के क्षेत्र में इंदौर जिले को अधिक ध्यान देने की जरूरत है। सहकारी बैंकों में समितियों के खातों के साथ-साथ उनके सदस्यों के भी खाते खुलवायें। जन औषधि केन्द्र के माध्यम से दूसरों उत्पादों की भी ब्रिकी एवं व्यवसाय को बढ़ावा दें। कृषि विज्ञान केन्द्रों को ओर अधिक उन्नत बनायें।

बैठक में बताया गया कि खरगोन जिले में हाईब्रिड मक्का का उत्पादन नवाचार के रूप में किया गया है। साथ ही डॉलर चना भी बहुतायत में उत्पादित किया जा रहा है। बुरहानपुर में ड्रिप सिंचाई के माध्यम से नवाचार कर केले की फसल का उत्पादन किया जा रहा है। साथ ही बड़ी मात्रा में हल्दी और मूंगफली का भी उत्पादन किया जा रहा है। बड़वानी जिले में मक्का की फसल का उत्पादन रबी, खरीफ एवं जायद मौसम में भी किया जा रहा है। आलीराजपुर के सोंडवा तहसील में मिलेट्स(मोटा अनाज) जैसे- बाजरा, कोदो-कुटकी आदि का उत्पादन नवाचार के रूप में किया जा रहा है। इससे किसानों को इन फसलों का अच्छा दाम भी रहा है। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भी अपने विचार रखें।

(Udaipur Kiran) तोमर

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