HimachalPradesh

राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की निर्माण कंपनी के खिलाफ सरकाघाट पुलिस थाने में एफआईआर करने की मांग

एफआईआर दर्ज करवाने के लिए थाना पहुंचे लोग तथा थाना में इसकी प्रति प्रभारी को सौंपते हुए

मंडी, 04 जून (Udaipur Kiran) । अटारी-अमृतसर-जालंधर-हमीरपुर-धर्मपुर-कोटली-मंडी-मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग 003 के निर्माण कार्यों में लापरवाही और अनियमितताओं से परेशान लोगों ने अब पुलिस का रुख किया है। निर्माण कार्य में लगी गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ सरकाघाट थाना में एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर दर्जनभर प्रभावित लोगों ने पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत की प्रतियां डीएसपी और एसपी को भी सौंपी गई हैं।

शिकायतकर्ताओं में हिमाचल किसान सभा के रणताज राणा, नागरिक सभा सरकाघाट के बीडी शर्मा, एनएच प्रभावित संघर्ष समिति के पूर्ण चंद पराशर, अमृत लाल, पंचायत प्रधान सलिता देवी, ठेकेदार रमेश ठाकुर सहित अन्य स्थानीय निवासी शामिल रहे। अधिवक्ता सुरेश शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार की गई शिकायत में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं — 270, 279, 280, 285, 288, 290, 324(1), 326(A), 326(B) — और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1999 के अंतर्गत कार्यवाही की मांग की गई है।

एफआईआर में गावर कंपनी के अलावा क्वालिटी कंट्रोल के लिए भारत सरकार द्वारा नियुक्त एलएन मालवीय कंपनी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग (हमीरपुर) के परियोजना निदेशक और अन्य संबंधित अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराया गया है।

पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सरौन-अवाहदेवी से लेकर सरकाघाट-पाड़छु तक यूनिट-1 का कार्य पिछले चार वर्षों से चल रहा है, लेकिन अभी तक अधूरा है। करीब डेढ़ दर्जन मकानों के पास सुरक्षात्मक दीवारें नहीं बनाई गई हैं, जिससे इनके गिरने का खतरा बना हुआ है। दर्जनों लिंक रोड और रास्ते, पेयजल स्रोत और हैंडपंप भी नष्ट कर दिए गए हैं।

स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि चोलथरा, रखोह, सरौर, परसदा और दमसेहड़ा जैसे क्षेत्रों में सड़कों की हालत बेहद खराब है। सड़कों पर गहरे गड्ढे हैं, जिनसे अब तक सैकड़ों वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। बरसात के मौसम में यह समस्या और गंभीर होने की आशंका है।

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने कलोट-रखोह, टटीह, सरौर और गासियां खड्ड-पाड़छु क्षेत्रों में अवैध रूप से मलबा खड्डों में डंप कर दिया है, जिससे धर्मपुर कस्बे को बरसात में नुकसान हो सकता है। इसके अतिरिक्त अवैध ब्लास्टिंग, खनन और प्रदूषण नियंत्रण के नियमों की भी खुलकर अनदेखी की जा रही है।

शिकायतकर्ताओं ने कहा कि निर्माण कार्य बेहद घटिया गुणवत्ता का है और न ही मौरथ विभाग, न ही क्वालिटी कंट्रोल एजेंसियां इस पर कोई कार्रवाई कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन भी कंपनी के सामने असहाय नजर आ रहा है। इसी कारण पिछले एक महीने से हिमाचल किसान सभा सहित अन्य संगठन लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं और अब पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शीघ्र नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा तथा प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा

(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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