Haryana

गुरुग्राम: कमजोर वर्ग के बच्चों मेें कला के माध्यम से आत्मविश्वास पैदा करने की पहल

गुरुग्राम में जरूरतमंद बच्चों के लिए एक रचनात्मक और भावनात्मक सशक्तिकरण पर केंद्रित कार्यक्रम क्रिएटिव माइंड्स, हीलिंग हाट्र्स आयोजित

-गुरुग्राम में क्रिएटिव माइंड्स, हीलिंग हाट्र्स जरूरतमंद बच्चों के लिए कला आधारित पहल

-डीसी बोले, कला बच्चों को आत्मबल और दिशा देने का प्रभावी माध्यम

गुरुग्राम, 4 जून (Udaipur Kiran) । गुरुग्राम में जरूरतमंद बच्चों के लिए एक रचनात्मक और भावनात्मक सशक्तिकरण पर केंद्रित कार्यक्रम क्रिएटिव माइंड्स, हीलिंग हाट्र्स आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम स्वतंत्रता सेनानी हॉल सिविल लाइन में हुआ। उपायुक्त अजय कुमार ने बुधवार काे इस प्रेरक पहल की शुरुआत की गई।

अपने संबोधन में उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि बच्चों की कल्पनाशक्ति और भावनाओं को सकारात्मक दिशा में ले जाने का यह प्रयास सराहनीय है। कला के माध्यम से उनमें आत्मविश्वास, रचनात्मक सोच और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा मिलता है। प्रशासन हमेशा ऐसे प्रयासों के साथ है, जो हमारे भविष्य यानी बच्चों को संबल और संजीवनी देते हैं। चार महीने की इस पायलट परियोजना को दो आश्रय गृहों में संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों से जुड़े बच्चों को कला के माध्यम से आत्म-अभिव्यक्ति, भावनात्मक मजबूती और आत्मविश्वास प्रदान करना है। इनमें वे बच्चे शामिल हैं जो निराश्रित परिवारों से आते हैं, दैनिक मजदूरी पर निर्भर हैं या जिनके पास स्थायी आवास नहीं है।

कलाग्राम की निदेशक और प्रशिक्षित कला चिकित्सक शिखा गुप्ता ने बताया कि कला को उपचारात्मक संवाद और आत्म-शक्ति का माध्यम मानते हुए इसे बच्चों की पहुंच में लाया गया है। कार्यक्रम के तहत कहानी कहने, रंगमंच और दृश्य कला जैसी सृजनात्मक विधाओं के माध्यम से बच्चों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अवसर दिया जा रहा है। इस परियोजना को सफल बनाने में थिएटर फैसिलिटेटर मुस्कान और फरमान, आर्ट फैसिलिटेटर पंकज खन्ना और नीरा कथूरिया, तथा प्रोग्राम कंसल्टेंट अपर्णा जोशी जैसे अनुभवी विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिन्होंने बच्चों के साथ मिलकर एक संवेदनशील और रचनात्मक माहौल तैयार किया। बालिका आश्रय गृह की अधीक्षक स्मिता बिश्नोई ने कहा कि अब बच्चे सप्ताहांत का बेसब्री से इंतजार करते हैं। ये दो घंटे उनके लिए केवल कला का समय नहीं, बल्कि जीवन की चुनौतियों से राहत और भीतर से मजबूत होने का माध्यम बन गए हैं। इस कार्यक्रम की सफलता में अर्थ फाउंडेशन की निदेशक नीलम सूद, प्रतिनिधि मीनू सूद और आश्रय गृहों की टीमों का समर्पण और निरंतर सहयोग अत्यंत सराहनीय रहा है।

(Udaipur Kiran)

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