सिरसा, 3 जून (Udaipur Kiran) । सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हर साल बरसात में घग्घर नदी में बाढ़ का खतरा बना रहता है और कई बार भयावह हालात पैदा हुए है। वर्ष 2023 में फतेहाबाद और सिरसा में घग्घर नदी में आई बाढ़ और रंगोई नाला के उफान से भारी तबाही हुई थी, हजारों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई थी। सिंचाई विभाग अभी तक तटबंधों को मजबूत नहीं कर पाया है।
सांसद सैलजा ने मंगलवार को जारी एक प्रैस बयान में कहा कि घग्गर नदी पंजाब सीमा से जाखल के पास हरियाणा में प्रवेश करती है। फतेहाबाद जिले में घग्गर नदी लगभग 84 किलोमीटर लंबी बहती है। सिरसा जिले में से गुजरने वाली घग्गर नदी की 90 किलोमीटर लंबाई है। इस नदी में बरसात के दिनों में जलस्तर बढ़ता है, कई बार बाढ़ से दोनों ही जिलों में हालात बिगड़ जाते है। घग्घर नदी की सफाई और उसके तटबंधों की मजबूती के लिए हर साल की ओर से बजट आता है। विभाग की टीम घग्घर नदी क्षेत्र में तटबंधों का निरीक्षण करती है जहां पर उसके तटबंध कमजोर दिखाई देते है वहां पर मरम्मत कराई जाती है, नदी के अंदर साफ सफाई करवाई जाती है और यह कार्य मानसून से पूर्व करवाया जाता है पर अभी तक ऐसा कुछ किया गया है दिखाई नहीं दे रहा है, जबकि घग्घर नदी में पानी बढऩा शुरू हो गया है।
सैलजा ने कहा कि घग्घर नदी में जलस्तर बढऩे पर कमजोर तटबंध टूट जाते है और फसलें तबाह हो जाती है और कभी कभी बाढ़ से हालात बिगड जाते है तब विभाग हाथ मलता हुआ रह जाता है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान किसान का ही होता है। सांसद ने कहा कि घग्घर के साथ लगने वाले खैरंका, झोपड़ा, मुसाहिबवाला, रंगा, लहंगेवाला, पनिहारी, ढाणी दिलबाग सिंह, कर्मगढ़, नागौकी, फरवांई कलां, बूढ़ाभाणा, नेजाडेला कलां व ओटू तक दर्जन भर गांव है जहां बाढ़ आने पर नुकसान की संभावना अधिक रहती है। जब बारिश का पानी आएगा तो घग्घर नदी के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। कहने को तो जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कमेटियां गठित करता है कंट्रोल रूम बनाता है। अगर इतना ही ध्यान तटबंधों को मजबूत करने और नदी की सफाई पर दिया जाए तो बाढ़ के संभावित खतरे को टाला जा सकता है। घग्घर नदी के कमजोर तटबंधों के कारण समीप के गांवों के लोगों में हर समय बाढ़ का भय बना रहता है।
—————
(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
