चिरांग (असम), 3 जून (Udaipur Kiran) । मानसून के आगमन और आई, नंगलभंगा, चम्पा सहित अन्य प्रमुख नदियों व उनकी सहायक नदियों के जलस्तर के बढ़ने की आशंका को देखते हुए चिरांग जिला दंडाधिकारी जतिन बोरा ने भारतीय न्यायिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है। संभावित जलभराव के चलते आवासीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है, जिससे जनसुरक्षा को गंभीर खतरा है।
इस आदेश का उद्देश्य तूफानी मौसम में असुरक्षित नौका संचालन, नदी किनारों पर सार्वजनिक गतिविधियों, जानमाल के नुकसान और दुर्घटनाओं को रोकना है। आदेश के तहत अवैध घाटों और नदियों में निजी नावों का संचालन व मछली पकड़ने की गतिविधियां प्रतिबंधित कर दी गई हैं। अधिसूचित घाटों पर पट्टाधारकों द्वारा शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक नावों का संचालन भी सीमित किया गया है।
बिना जीवन रक्षक जैकेट, बुआय, गोताखोर और रस्सियों जैसी सुरक्षा व्यवस्थाओं के नौका संचालन पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। नावों में क्षमता से अधिक सवारियां ले जाना, बारिश या तूफानी मौसम में नाव चलाना और खराब स्थिति में नावों का संचालन पूरी तरह निषिद्ध है। साथ ही, नदियों, नालों और क्षतिग्रस्त या धंसे हुए सड़कों के पास आम जनता का जाना प्रतिबंधित किया गया है। किसी भी व्यक्ति द्वारा नदियों या नालों को पार करना भी इस आदेश के अंतर्गत वर्जित है।
मानव जीवन और संपत्ति की रक्षा की तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किया गया है। हालांकि, सुरक्षा बलों, वन अधिकारियों, गार्डों, ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मियों तथा राहत और आपात सेवाओं में लगे व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। इसके उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश से असहमत है या उसमें छूट अथवा संशोधन चाहता है, तो वह चिरांग जिला दंडाधिकारी कार्यालय में लिखित आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
