
कोलकाता, 3 जून (Udaipur Kiran) । इस्कॉन कोलकाता की इस साल की भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में एक अनोखा नवाचार देखने को मिलेगा। भगवान के रथ पर अब एयरक्राफ्ट नहीं, बल्कि भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक सुखोई चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट्स में इस्तेमाल होने वाले टायर लगाए गए हैं।
पिछले 48 वर्षों से इस रथ पर बोइंग विमान के टायर उपयोग में लाए जा रहे थे, लेकिन अब उनकी जगह नए और अधिक टिकाऊ सुखोई टायरों ने ले ली है। इस बार 27 जून को निकलने वाली रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ का रथ इन्हीं नए टायरों पर यात्रा करेगा।
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने (Udaipur Kiran) को बताया कि बोइंग के टायर बनाने वाली कंपनी डनलप वर्षों पहले बंद हो चुकी थी। पिछले 20 वर्षों से रथ के चार पुराने टायरों में तकनीकी दिक्कतें आ रही थीं, जिसके चलते विकल्प की तलाश की जा रही थी। उन्होंने बताया कि सुखोई टायरों का व्यास बोइंग टायरों से मेल खाता है, इसलिए हमने एमआरएफ कंपनी से संपर्क किया, जो सुखोई के लिए टायर बनाती है।
दिसंबर 2024 में एमआरएफ के विशेषज्ञ कोलकाता आए और भगवान जगन्नाथ के रथ की जांच की। इसके बाद रथ पर सुखोई टायर फिट किए गए और 31 मई को शहर में करीब 20 किलोमीटर लंबी परीक्षण यात्रा भी सफलतापूर्वक पूरी की गई।
रथ की संरचना में कुछ बदलाव कर इन भारी टायरों को फिट किया गया है। राधारमण दास ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की कृपा से इस बार रथ को नए टायर मिले हैं और हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि 27 जून को रथ यात्रा और पांच जुलाई को होने वाले उल्टा रथ में भगवान की यात्रा अत्यंत सुगम रहेगी।
गौरतलब है कि प्रत्येक सुखोई टायर 16 टन वजन सहने की क्षमता रखता है। भगवान बलराम और सुभद्रा के रथों में पहले की तरह लोहे के पहिए ही लगे रहेंगे।
जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी अन्य जगह इस तरह फाइटर जेट टायर का प्रयोग रथ यात्रा में हुआ है, तो उन्होंने कहा कि 1977 में हमनें कोलकाता में पहली बार बोइंग टायर का उपयोग किया था। भारत या एशिया में ऐसा कहीं और होता है, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं है।
इस नवाचार ने रथ यात्रा की परंपरा में एक नया अध्याय जोड़ दिया है और भक्तों में इसको लेकर खास उत्साह देखा जा रहा है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
