
प्रयागराज, 02 जून (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद संग्रहालय में साेमवार काे भाषा संगम प्रयागराज, केंद्रीय शास्त्रीय तमिल संस्थान चेन्नई एवं द हिंदू तमिल दिसे दैनिक चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में तमिल के संत कवि तिरुवल्लुअर और उनकी रचना तिरक्कुरल पर संवाद कार्यक्रम किया गया।
मुख्य अतिथि मंडलायुक्त वाराणसी एस. राजलिंगम ने तमिल संत कवि तिरुवल्लुअर की रचना काे लेकर कहा कि यह एक वैश्विक दर्शन की पुस्तक है, जो किसी धर्म सम्प्रदाय से ऊपर उठकर मानव मात्र को कर्तव्य पथ पर डटे रहने का संदेश देती है। इसकी एक-एक शिक्षा को प्रतिदिन अगर हम स्मरण करें, पढ़ने का अभ्यास करें तो जीवन को नई दशा और दिशा दी जा सकती है।
निदेशक संग्रहालय राजेश प्रसाद ने कहा कि यह संस्थान के प्रति गौरव व सम्मान का दिन है कि महान तमिल संत कवि और उनकी कालजयी रचना तिरक्कुरल पर चर्चा करने के लिए यहां हम उपस्थित हैं और भाषा संगम अपने प्रयासों से देश को एकता के सूत्र में बांधने का सराहनीय प्रयास कर रहा है। अतिथियों के औपचारिक स्वागत के पश्चात् तमिल साहित्य का हिंदी व अवधी भाषा में अनुवाद के लिए डॉ राजेश मिश्र, लखन प्रतापगढ़ी व दयाराम मौर्य को भाषा संगम की ओर से पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम, तिरुवल्लुवर की प्रतिमा व हिंदी में अनुदित तिरुक्कुरल ग्रंथ प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके पूर्व भाषा संगम के संस्थापक के. सी. गौड़ की धर्मपत्नी रेखा गौड़ को सम्मानित किया गया।
डॉ शान्ति चौधरी ने बताया कि कार्यक्रम में शफीमुन्ना वरिष्ठ पत्रकार तमिल दिसै ने कहा कि जिस तरह से कबीर उत्तर भारत के लिए प्रासंगिक हैं, वही भूमिका दक्षिण में संत तिरुवल्लुअर की रही है। जिन्होंने समाज को सही दिशा देने के लिए तमाम सार्थक ग्रंथों की रचना की।
विशिष्ट अतिथि डॉ एन. कोलंजी ने कहा कि तिरुवल्लुवर एवं उनकी रचना तिरुक्कुरल कर्तव्य पथ पर डटे रहने का संदेश देती है। इसका मुख्य संदेश यही है कि अगर ऊपर वाले की इच्छा जो भी हो हम अपने लक्ष्य को अपने पराक्रम से प्राप्त कर सकते हैं।
वरिष्ठ पार्षद आनन्द घिल्डियाल ने तिरुवल्लुवर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संयोजन डॉ गोविंदराजन, संचालन डॉ राजेश मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ शान्ति चौधरी ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय तमिल संस्थान चेन्नई के प्रतिनिधियों सहित शहर के तमाम गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में महापौर गणेश केसरवानी उत्साहवर्धन के लिए सम्मिलित होकर तमिल प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने देश के एकीकरण कार्यक्रम के निदेशक इलाहाबाद संग्रहालय को बधाई एवं शुभकामनायें दी।
—————
(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
