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ऑपरेशन सिंदूर देश के लिए गर्व की बातः राष्ट्रीय सेविका समिति

राष्ट्रीय सेविका समिति के शिक्षा वर्ग समापन समारोह में मंच पर उपस्थित अधिकारी गण
राष्ट्रीय सेविका समिति के शिक्षा वर्ग समापन समारोह में मंच पर उपस्थित अधिकारी गण
राष्ट्रीय सेविका समिति के शिक्षा वर्ग समापन समारोह में मंच पर उपस्थित अधिकारी गण

-15 दिवसीय शिक्षा वर्ग के समापन समारोह में 137 सेविका ने लिया भाग

नई दिल्ली, 01 जून (Udaipur Kiran) । राष्ट्र सेविका समिति ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर देश के लिए गर्व की बात है। माताओं, बहनों की मांग में चमकता सिंदूर केवल रंग नहीं है, वो सम्मान का प्रतीक है, त्याग का प्रतीक है, शौर्य का प्रतीक है। यह केवल स्नेह प्रदर्शन का प्रतीक नहीं है बल्कि शौर्य का प्रतीक है। सिंदूर की ताकत की वजह से केवल तीन दिनों में ही शत्रुओं को घुटने के बल ला दिया गया।

रविवार को शांति ज्ञान निकेतन स्कूल में आयोजित 15 दिवसीय शिक्षा वर्ग के समापन समारोह के अवसर पर राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय सह बौद्धिक प्रमुख, डॉ रूपा रावल ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सिंदूर की ताकत से ही भगवान राम वन से वापस आएं। हमारी संस्कृति में सिंदूर का उच्च स्थान है। ऑपरेशन सिंदूर ताकत दिखाने के लिए नहीं किया गया था, बल्कि यह बताने के लिए किया गया था कि अगर कोई हमसे शत्रुता करता है, तो उसे उसी की भाषा में सटीक जवाब दिया जाएगा। सिंदूर नारी का गौरव है और देश का नेतृत्व इस बात से भलीभांति अवगत है। इसलिए इस ऑपरेशन का नाम सिंदूर दिया गया। अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने चीनी शस्त्रों की भी हवा निकाल दी। ऑपरेशन सिंदूर में स्वदेश तकनीकी से बनी हुई आकाश एयर डिफेंस सिस्टम का बड़ा योगदान था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्वदेशी तकनीकी पर लोगों का विश्वास कायम हुआ है। भारत का स्व अब जागृत हो रहा है। कोराना काल में भी स्वनिर्मित वैक्सीन ने न केवल देश में बल्कि अन्य देशों में लोगों की जान बचाई। हम एक समाज के नाते राष्ट्र निर्माण के पथ पर चलते हुए परम वैभव की आर बढ़ रहे है।

दिल्ली में शिक्षा वर्ग समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में फाउंडर व सीईओ रीवअप लाइफ स्किल्स की डॉ. नैंसी जुनेजा, कार्यक्रम के अध्यक्ष के रूप में प्रसिद्ध समाज सेविका शशि बुबना , प्रवेश वर्ग वर्गाधिकारी एवं जानी-मानी शिक्षाविद् डॉ. हर्षा भार्गवी पंडीरी, दिल्ली प्रांत कार्यवाहिका सुनीता भाटिया, दिल्ली प्रांत प्रचारिका व अखिल भारतीय महाविद्यालयीन तरुणी प्रमुख विजया शर्मा , दिल्ली प्रांत संचालिका चारू कालरा, वर्ग कार्यवाहिका प्रतिभा विष्ट सहित समिति के कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।

डॉ रूपा रावल ने कहा कि 15 दिवसीय प्रवेश वर्ग समापन समारोह महिलाओं के आत्मबल का ही यह उदाहरण है कि वे मानसिक और बौद्धिक स्तर पर कितनी सशक्त हैं और किसी भी स्थिति में हार नहीं मानती हैं। महिला परिवार के साथ साथ समाज को भी नेतृत्व प्रदान करें इसके लिए आवश्यक है कि महिलाओं का मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक व आध्यात्मिक विकास हो और यह कार्य विगत 89 वर्षों से विश्व का सबसे बड़ा महिला संगठन राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं के लिए कर रही है।

इस मौके पर समिति की दिल्ली प्रांत की संचालिका डॉ चारू कालरा ने बताया कि राष्ट्र सेविका समिति के प्रवेश वर्ग में लगभग 137 बालिकाएं, किशोरियां और महिलाएं 15 दिन के प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया। 18 मई को जब शिक्षार्थी बहनें प्रवेश वर्ग में आईं थीं तो उन्हें यह अंदाजा भी नहीं था कि यहां उनका शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक विकास एक साथ संभव होगाI पंद्रह दिन यहां रहकर उन्होंने अपने देश की महान संस्कृति व देश की महान विभूतियों के बारे में भी जानकारियां प्राप्त कीं हैं I प्रवेश वर्ग में 14 वर्ष से लेकर लगभग 55 वर्ष तक आयु सीमा होती है। यहां एक साथ रहकर उन्होंने सामाजिक समरसता,आत्मनिर्भरता, आत्मरक्षा और आत्म स्वाभिमान जैसे गुण सीखेंI उन्होंने कहा कि इस वर्ग से जो युवतियां निकलेंगी यह तय है कि वे अपनी रक्षा स्वयं कर सकेंगी I यह प्रवेश वर्ग बालिकाओं और महिलाओं के जीवन को नयी दिशा देते हैं I छोटी बालिकाओं के मन मस्तिष्क में जो बीज बो दिया जाता है वही उनकी जीवन यात्रा का मजबूत आधार बनता है I वे यह सीखकर जाती हैं कि जीवन केवल अपने लिए नहीं होता बल्कि वह समाज और देश के लिए भी होता है I

वर्ग में बालिकाओं ने नियुद्ध, (जूडो-कराटे), योग, दंड प्रहार, छुरी प्रहार, यष्टी, के सुन्दर प्रदर्शन से सभी को हर्षित कर दिया I

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पूरे देश भर में 4 लाख सेविकाएं हैं तथा 4125 शाखाएं चल रही है तथा 45 पूर्णकालिक प्रचारिकाएं हैं । इसके साथ 100 विस्तारिकाएं समिति कार्य को विस्तार देने में संलग्न हैं।

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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