
मुंबई,31 मई ( हि.स) । इस्लामिक संगठन के विचारों के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना और हिंदू मंदिरों का पुनरुद्धार कर उनके स्थान पर घाट बनाना आसान नहीं था। काशी-विश्वनाथ, सोरती सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण 300 साल पहले अहिल्यादेवी ने करवाया था। बीजेपी के राज्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने आज अपने संबोधन में कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने न सिर्फ हिंदू धर्म पर बहुत गर्व करने वाली अहिल्याबाई ने सती प्रथा, दहेज लेना-देना जैसी कुरीतियों को तोड़ा बल्कि दहेज के लिए मध्यस्थता करने वालों को कठोर दंड दिया। महिलाओं के प्रति स्नेह दिखाने वाली और माहेश्वरी साड़ी के माध्यम से महिलाओं को नई उद्यमिता की दिशा देने वाली पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी के जीवन के कई पहलू हैं। हालांकि, 300 साल तक शिवलिंग को धारण करने वाली अहिल्यादेवी की तस्वीर और मूर्ति से आगे आज तक वास्तविक इतिहास और समाज के लिए उनके योगदान को सामने नहीं लाया गया है, ऐसा भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा।
इस अवसर पर ठाणे शहर के बुद्धिजीवियों और पत्रकारों के लिए पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर की त्रिशताब्दी जयंती के अवसर पर स्वर्गीय नरेंद्र बल्लाल सभागृह में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाजपा के ठाणे जिला अध्यक्ष एडवोकेट संदीप लेले एवं , विधायक निरंजन डावखरे उपस्थित थे। आज के सोशल मीडिया के युग में जब भी कोई शासक कोई पहल करता है तो उसे फेसबुक पर पोस्ट कर उसका गुणगान किया जाता है। प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि 300 साल पहले अपनी बेटी का कन्यादान करके उन्होंने दुनिया को दिखाया कि कोई भी व्यक्ति बिना किसी लिंग भेद के कन्यादान कर सकता है। जबकि खुद को प्रगतिशील और भारत को प्रतिगामी कहने वाले ब्रिटेन और अमेरिका में महिलाओं को 1918 से 1920 के बीच वोट देने का अधिकार मिला। लेकिन भारत में अहिल्या देवी 300 साल पहले ही शासन की गाड़ी सफलतापूर्वक चला रही थीं।
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
