
रांची, 31 मई (Udaipur Kiran) । इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआई) की सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल (सीआईआरसी) की ओर से शनिवार को आईसीएआई भवन, रांची में नए युग में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशेवर अवसर और जीएसटी लिटिगेशन विषय पर चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार के प्रथम तकनीकी सत्र में नए युग में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पेशेवर अवसर विषय पर चर्चा करते हुए इंस्टिट्यूट के सेंट्रल इंडिया रीजनल कौंसिल, कानपुर के अध्यक्ष सीए अंकुर कुमार गुप्ता ने कहा कि तकनीकी प्रगति, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और वैश्विक व्यापार के बढ़ते आयामों ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी पेशे को एक नई दिशा दी है।
उन्होंने बताया कि अब सीए केवल अकाउंटिंग और ऑडिटिंग तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि डेटा एनालिटिक्स, फोरेंसिक ऑडिट, इंटरनेशनल टैक्सेशन, ईएसजी रिपोर्टिंग और फिनटेक जैसे उभरते क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएं हैं।
लिटिगेशन के मामलों में आ रहीं जटिलताएं : जयेंद्र
सेमिनार के दूसरे तकनीकी सत्र पर जीएसटी लिटिगेशन पर बोलते हुए सेंट्रल इंडिया रीजनल कौंसिल के सचिव सीए जयेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को लागू हुए अब कई वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन इसके विभिन्न पहलुओं, विशेषकर लिटिगेशन से जुड़े मामलों में निरंतर जटिलताएं सामने आ रही हैं। उन्होंने बताया कि करदाताओं और पेशेवरों के लिए यह अत्यंत आवश्यक हो गया है कि वे कानून की गहराई को समझें, न्यायिक प्रवृत्तियों पर नजर रखें और उचित अनुपालन के साथ विवादों से बचने की रणनीति अपनाएं। उन्होंने कहा कि जीएसटी लिटिगेशन अब केवल तकनीकी पहलुओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रक्रियात्मक सावधानियां, पूर्व-व्याख्याएं और विभिन्न न्यायिक निर्णयों की व्याख्या भी अहम भूमिका निभाती है।
सेमिनार का संचालन रांची शाखा के सीपीई कमिटी के अध्यक्ष सीए हरेन्दर भारती ने किया।
सेमिनार के आयोजन में रांची शाखा के अध्यक्ष सीए अनीश जैन, कोषाध्यक्ष सीए विवेक खोवाल और कार्यकारिणी सदस्य सीए दिलीप कुमार सहित अन्यल का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
—————
(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
