Bihar

लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं, बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए करे वोट:प्रशांत किशोर

जनसभा को संबोधित करते प्रशांत किशोर

-पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि और पताही में प्रशांत किशोरपूर्वी चंपारण,31 मई (Udaipur Kiran) । बिहार बदलाव यात्रा के तहत जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर पूर्वी चंपारण पहुंचे।जहां उन्होने जिले के हरसिद्धि और पताही प्रखंड में आयोजित ‘बिहार बदलाव सभा’ को संबोधित किया।इसके पूर्व जनसुराज के कार्यकर्ताओ ने प्रशांत किशोर का विभिन्न स्थानों पर ढोल- नगाड़ों व फूल मालाओ के साथ उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।मेहसी में उनके समर्थकों ने उन्हें लीची देकर स्वागत किया। गाड़ियों के लंबा काफिला के साथ निकले प्रशांत किशोर आयोजित जनसभा में पहुंचे जिसे संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि बिहार में अधिकारी और नेता राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटाने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं, जिससे आम लोग परेशान हैं। उन्होंने चंपारण की जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। बिहार में व्यवस्था परिवर्तन कर जनता का राज स्थापित करने के लिए नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें। चुनाव में वोट लालू, नीतीश और मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा।

जनसभा के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश कुमार जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी का नाम भी याद नहीं है, उन्हें भाजपा ने बिहार की 13 करोड़ जनता पर थोप रखा है। नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे सरकार चला सकें। फिर भी पिछले दरवाजे से सरकार में घुसने के लिए भाजपा ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना रखा है। हम लगातार कह रहे हैं कि मोदी जी और अमित शाह बताएं कि क्या नीतीश कुमार ही एनडीए के मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे।

इस दौरान उन्होने जनता से बड़ा वादा करते कहा कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस साल छठ के बाद बिहार के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस जनसुराज की सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके।

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(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

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