
शिमला, 30 मई (Udaipur Kiran) । हिमाचल पावर कॉर्पोरेशन के मुख्य अभियंता विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने जांच की रफ्तार तेज कर दी है। जानकारी अनुसार शुक्रवार को सीबीआई की टीम न्यू शिमला थाना पहुंची जहां उन्होंने इस मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिए। पुलिस विभाग की ओर से भी सारा जरूरी रिकॉर्ड तैयार कर लिया गया है और इसे सीबीआई को सौंपने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। यह जानकारी कार्यकारी एसपी गौरव सिंह ने दी।
सीबीआई ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 108 और धारा 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। ये दोनों धाराएं आत्महत्या के लिए उकसाने और सामूहिक आपराधिक मंशा से किए गए अपराध से संबंधित हैं।
भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और यह सिद्ध हो जाता है कि किसी ने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया या मजबूर किया, तो उस व्यक्ति को अधिकतम 10 वर्ष के कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है।
वहीं धारा 3(5) उस स्थिति में लगाई जाती है जब किसी अपराध को एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा एक साझा आपराधिक मंशा के तहत अंजाम दिया गया हो। इस धारा के तहत सभी संबंधित व्यक्तियों को अपराध का समान रूप से दोषी माना जाता है, जैसे उन्होंने अपराध अकेले किया हो।
न्यू शिमला थाने से उठाए गए रिकॉर्ड
सीबीआई की टीम ने न्यू शिमला थाने से इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज, बयान और अन्य साक्ष्य अपने कब्जे में लिए। अब इन रिकॉर्ड्स की बारीकी से जांच की जाएगी। इससे पहले शिमला पुलिस की ओर से गठित SIT ने प्रारंभिक जांच की थी लेकिन मृतक की पत्नी किरण नेगी ने जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय से सीबीआई जांच की मांग की थी।
10 मार्च से शुरू हुआ था रहस्य
मुख्य अभियंता विमल नेगी 10 मार्च को रहस्यमयी हालात में लापता हो गए थे। उनके परिजन और सहकर्मी लगातार उनकी तलाश कर रहे थे। आठ दिन बाद 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर जिले के गोविंदसागर झील से बरामद हुआ था। मौत के पीछे के कारणों को लेकर तमाम तरह के सवाल उठे, लेकिन स्पष्ट रूप से कुछ भी सामने नहीं आया। मृतक की पत्नी ने इसे साजिश बताते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।सीबीआई की टीम अब इस मामले में हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
