
-राज्य के 500 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाना है अभियान का लक्ष्य
-निर्यात में वृद्धि और एसएमई में वृद्धि हैं प्रगति के पूरक : आलोक कुमार
मुरादाबाद, 30 मई (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की ओर तेजी से बढ़ रही है। मुख्यमंत्री योगी के विजन को मिशन मानकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम और इंडिया एसएमई फोरम के संयुक्त प्रयास से मुरादाबाद में शुक्रवार को होटल रिजेंसी में ‘उत्तर प्रदेश निर्यात वृद्धि अभियान’ की शुरुआत की गई। यह अभिनव प्रयास योजना के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अभियान का उद्देश्य राज्य के 500 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाना है। यह विशेष रूप से हस्तशिल्प, हथकरघा और होम डेकोर क्षेत्रों में पहली बार निर्यातक बनने में सहायता प्रदान करने पर केन्द्रित है।
होटल हॉलिडे रिजेंसी में आयोजित इस शुभारंभ कार्यक्रम में “निर्यात को बढ़ावा देने हेतु इकोसिस्टम” और “वैश्विक प्रतिस्पर्धी निर्यात को सक्षम बनाना” विषय पर पैनल सत्र आयोजित किए गए, जिनमें डीजीएफटी, एक्सिस बैंक, इंडिया पोस्ट, ईपीसीएच और शिप ग्लोबल के विशेषज्ञों ने उपयोगी जानकारी साझा की। यह लॉन्च कार्यक्रम एमएसएमई को विशेषज्ञों और सरकारी प्रतिनिधियों से संवाद, नेटवर्किंग और हैंडहोल्डिंग सहायता प्रदान करने का एक उत्कृष्ट मंच रहा।
कार्यक्रम में एमएसएमई के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने एमएसएमई क्षेत्र को मिल रही अभूतपूर्व प्राथमिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आप किसी भी ऐसे विकसित देश को देखेंगे जिसने 25–30 वर्षों में तेज़ी से प्रगति की है, वहां दो मुख्य स्तंभ देखने को मिलते हैं— पहला, उन्होंने निर्यात के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति की है, और दूसरा, उनका क्षेत्र अत्यंत सक्रिय और जीवंत रहा है। ये दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। वहीं के प्रबंध निदेशक राज कमल यादव ने कहा कि हम एक मजबूत और सहायक इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि हमारे उद्यमी वैश्विक बाज़ारों में प्रतिस्पर्धा कर सकें। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के प्रबंध निदेशक राज कमल यादव समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी व पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
एमएसएमई की निर्यात क्षमता को बढ़ाने में होगा मददगार
यह अभियान एक समग्र क्षमतावर्धन कार्यक्रम है, जो एमएसएमई की निर्यात क्षमता को साकार करने के लिए एक तीन-चरणीय संरचित प्रक्रिया अपनाता है। इसमें व्यावहारिक प्रशिक्षण और व्यक्तिगत मेंटरशिप, उत्पाद विकास, पैकेजिंग और ब्रांडिंग पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन, अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से जुड़ाव और खरीदार डाटा तक पहुंच, ई-कॉमर्स मंचों का उपयोग और वैश्विक प्रदर्शनियों में भागीदारी तथा पहली बार निर्यातकों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सहायता प्रमुख हैं।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जायसवाल
