
जौनपुर, 30 मई (Udaipur Kiran) । वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर डिजिटल दौर में हिंदी पत्रकारिता विषय पर एक ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस परिचर्चा में मीडिया अध्ययन से जुड़े विशेषज्ञों ने हिंदी पत्रकारिता के विविध आयामों पर विस्तार से चर्चा की।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. गोविन्द पाण्डेय ने कहा कि जब किसी क्षेत्र में तकनीकी का प्रवेश होता है तो वह बदलाव लाती है। तकनीकी के कारण हिंदी पत्रकारिता में भी बहुत से बदलाव हुए हैं। हिंदी पत्रकारिता ने समय-समय पर रूप बदला। समाचार पत्र के पाठक पढ़े-लिखे थे, टेलीविजन के आने के बाद बिना पढ़े-लिखे लोगों से भी हिंदी पत्रकारिता सीधे जुड़ी। हिंदी पत्रकारिता समाचार पत्रों, रेडियो से होती हुई टेलीविजन से जुड़ी और आज डिजिटल होकर खूब फल फूल रही है। आज डिजिटल दौर में हिंदी पत्रकारिता से जुड़े लोगों को नई तकनीकों को व्यवहार में लाना होगा। उन्होंने हिंदी पत्रकारिता में तकनीकी के विकास पर विस्तार से चर्चा की।
पूर्व पत्रकार, प्रख्यात लेखक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ. धनञ्जय चोपड़ा ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता भारतीय परम्परा को साथ लेकर चल रही है। कृत्रिम बुद्धिमता के इस दौर में हिंदी पत्रकारिता ने सरोकार, संस्कृति और संस्कार को नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता वेब की दुनिया में मजबूती से खड़ी है। हिंदी के एप तेजी से डाउनलोड किये जा रहे हैं। उन्होंने भाषा के पहलू पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने शब्दों के प्रति ज्यादा अहंकार नहीं रखा। दूसरी भाषाओँ के शब्दों को बड़े आदर के साथ समाहित किया।
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के पत्रकारिता विभाग की सहायक आचार्य डॉ. साधना श्रीवास्तव ने कहा कि समाचार पत्रों के साथ-साथ वेब और एप पर खबरों को पढ़ने का दौर चल रहा है। इस समय हिंदी पत्रकारिता नए कलेवर में है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने की। संचालन एवं संयोजन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने एवं वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनील कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. चन्दन सिंह, डॉ. अमित मिश्र, डॉ सुरेन्द्र यादव समेत देश के विभिन्न भागों से लोगों ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
