
अजमेर, 30 मई (Udaipur Kiran) । जिले के किशनगढ़ क्षेत्र में नकली उर्वरकों के कारोबार पर लगाम कसने के लिए राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने लगातार दूसरे दिन भी शुक्रवार को सख्त कार्रवाई की। गुरुवार को क्षेत्र की 12 फैक्ट्रियों में औचक निरीक्षण करने के बाद शुक्रवार सुबह मंत्री मीणा अधिकारियों की टीम के साथ डींडवाड़ा, बांदरसिंदरी और चौसला गांव पहुंचे और वहां संचालित उर्वरक फैक्ट्रियों की गहन जांच की।
जांच के दौरान चौसला गांव स्थित एक फैक्ट्री में कर्मचारियों ने अचानक फैक्ट्री बंद कर दी और खाद के कट्टों को बाहर फेंककर मौके से फरार हो गए। इस घटनाक्रम के बाद मंत्री ने अधिकारियों को तत्काल फैक्ट्री का ताला खुलवाकर जांच शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी हर फैक्ट्री जहां नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां बिना किसी दबाव के कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. किरोड़ी मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नकली उर्वरक किसानों की फसलें बर्बाद कर रहा है और उनकी जमीन की गुणवत्ता को भी नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रकरण में अब तक कई फैक्ट्रियों को सीज किया जा चुका है और जांच के बाद यदि अन्य में भी गड़बड़ी पाई गई तो उन्हें भी सीज कर, दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि अब यह अभियान सिर्फ किशनगढ़ तक सीमित नहीं रहेगा। पूरे राजस्थान में इस तरह की फैक्ट्रियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें हरियाणा, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों से भी शिकायतें मिल रही हैं, जिससे साफ है कि यह कारोबार राष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है।
मंत्री के निर्देश पर अजमेर और जयपुर जिले की कृषि विभाग की टीमें शुक्रवार को भी अलग-अलग फैक्ट्रियों में कार्रवाई में जुटी रहीं। अजमेर की आत्मा परियोजना की परियोजना निदेशक उषा चितारा ने बताया कि उदयपुरकलां और टीकावड़ा गांव की कुल पांच फैक्ट्रियों को सीज किया गया है। इनमें भूमि एग्रोटेक्स और गोवर्धन एग्रो जैसी फैक्ट्रियां शामिल हैं। इन फैक्ट्रियों से मशीनें, ट्रेलर, जेसीबी और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए हैं।
जयपुर की टीम ने भी किशनगढ़ क्षेत्र की फैक्ट्रियों में तलाशी अभियान चलाया और वहां से खाद के सैंपल एकत्र किए। कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर (फर्टिलाइजर्स) नवलकिशोर मीणा ने बताया कि किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र की करीब 34 फैक्ट्रियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से कई की जांच शुरू हो चुकी है।
इन फैक्ट्रियों से लिए गए खाद के नमूनों को लैब में जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले कारखानों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा और उनकी लाइसेंसिंग रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू होगी।
इस कार्रवाई के केंद्र में वे फैक्ट्रियां रही हैं जो डीएपी, यूरिया, जिंक सल्फेट, जिप्सम और पोटाश जैसे उर्वरकों की नकली या घटिया किस्में तैयार कर रही थीं। गुरुवार को जिन फैक्ट्रियों में मंत्री ने जांच की, उनमें अतिशय बायोटेक, कमला बायो ऑर्गेनिक्स, ट्रॉपिकल एग्रो सिस्टम, राघव एग्रो, गोवर्धन एग्रो, दिव्या एग्रो फर्टिलाइजर, भूमि एग्रो, श्रीनाथ एग्रो, एशिया डोन बायोकेयर और वर्दी जल एग्री टेक्नोलॉजी जैसी इकाइयाँ प्रमुख हैं।
मंत्री मीणा ने साफ किया है कि किसानों के हितों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ राज्य सरकार सख्त कदम उठाएगी और उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। नकली उर्वरकों के इस पूरे खेल पर अब प्रदेश भर में नजर रखी जाएगी और भविष्य में नियमित रूप से इस प्रकार की जांचें जारी रहेंगी।
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(Udaipur Kiran) / रोहित
