
पटना, 30 मई (Udaipur Kiran) । बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ से तटों की सुरक्षा को लेकर एक नई तकनीकी पहल की गई है। विभाग द्वारा पहली बार कोसी नदी के किनारे टेट्रापॉड जैसी मजबूत संरचना का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे तटों के कटाव को रोका जा सके और बाढ़ के समय जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य अभियंता, वीरपुर परिक्षेत्र अंतर्गत पूर्वी तटबंध प्रमंडल, वीरपुर द्वारा नेपाल सीमा से सटे फुल्टेगौड़ा के स्पर संख्या-12 की सुरक्षा के लिए लगभग 170 मीटर लंबाई में दो परतों में टेट्रापॉड संरचना बिछाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य कोसी नदी के बाएं तट पर संचालित हो रहा है, जो प्रतिवर्ष बाढ़ की स्थिति में अत्यधिक कटाव से प्रभावित होता रहा है।
क्या है टेट्रापॉड संरचना?
टेट्रापॉड एक विशेष आकार की ठोस सीमेंट-कंक्रीट संरचना है, जिसका उपयोग नदी या समुद्र के तेज बहाव से तटों की रक्षा के लिए किया जाता है। इसका वजन लगभग 4040 किलोग्राम होता है, ऊंचाई 1.801 मीटर और चौड़ाई लगभग 2 मीटर होती है। इसकी चारों भुजाएं आपस में इस प्रकार जुड़ती हैं कि यह पानी के बहाव को तोड़कर उसकी गति और प्रभाव को कम कर देती है।
टेट्रापॉड आपस में फंसकर स्थिर रहते हैं, जिससे वे बहाव के साथ खिसकते नहीं और लंबे समय तक तटों की सुरक्षा करते हैं। इससे तटबंध को स्थायित्व मिलता है और बार-बार मरम्मत की आवश्यकता नहीं पड़ती।
पहली बार हो रहा है प्रयोग, विभाग ने दिखाई तकनीकी सजगता
इस प्रकार की संरचना का प्रयोग बिहार में पहली बार बाढ़ सुरक्षा के उद्देश्य से किया जा रहा है, जो विभाग की तकनीकी जागरूकता और दूरदर्शिता का प्रतीक है। यह पहल राज्य में बाढ़ सुरक्षा को लेकर दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक ठोस कदम है।
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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी
