
– स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, मृतका के परिजन काट रहे थाने के चक्करमीरजापुर, 30 मई (Udaipur Kiran) । गत चार अप्रैल को राजगढ़ थाना क्षेत्र के चौखड़ा जंगल में मिले एक महिला के कंकाल का राज खुलने से पहले ही सिस्टम की सुस्ती में फंस गया है। करीब दो माह बीतने के बाद भी कंकाल राजगढ़ थाने में पड़ा धूल फांक रहा है, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने डीएनए जांच के लिए आवश्यक पेपर तैयार ही नहीं किए हैं।
मामला क्या है?22 मार्च को चौखड़ा गांव की सुदामी देवी रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई थीं। कुछ ही दिन बाद 4 अप्रैल को पास के जंगल में एक कंकाल मिला। मौके से मिले कपड़े, चप्पल और अन्य सामान से परिजनों ने उसकी पहचान सुदामी देवी के रूप में की। परंतु शव पूरी तरह सड़-गल जाने के कारण पुख्ता पहचान के लिए डीएनए जांच आवश्यक हो गई। थानाध्यक्ष महेन्द्र पटेल ने बताया कि कंकाल को पोस्टमार्टम के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजना था, परंतु इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा डीएनए सैम्पल जांच के लिए जरूरी पेपर नहीं भेजे गए हैं। हम लगातार पत्राचार कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता परिजन दो माह से राजगढ़ थाने के चक्कर काट रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से न सिर्फ न्याय में देरी हो रही है, बल्कि परिजनों की भावनाओं और उम्मीदों पर भी आघात पहुंच रहा है। मामला संवेदनशील होते हुए भी डीएनए सैंपल पेपर 15 दिन बाद भी जारी नहीं किया गया।
बेटा पूछ रहा- कब मिलेगा न्याय?हम हर दो-तीन दिन में थाने आ रहे हैं। कहते हैं- कागज नहीं आए, लखनऊ नहीं भेज सकते। मृतका के पुत्र गुड्डू ने कहा कि मां का आखिरी सच जानना भी क्या इतना मुश्किल है?
प्रशासन से मांग मृतका के परिजन मांग कर रहे हैं कि डीएनए जांच पेपर तत्काल तैयार कर प्रयोगशाला भेजा जाए। स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही तय हो। ऐसी घटनाओं में तय समयसीमा में कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
