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बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने पर उपभोक्ता जमा राशि ब्याज सहित प्राप्त करने का अधिकारी

jodhpur

जोधपुर 30 मई (Udaipur Kiran) । राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर पीठ द्वारा फ्लैट का कब्जा नहीं देने पर. मनन इंफ्रा डेवलपर को 33.61 लाख रूपए मय ब्याज अदा करने के आदेश दिए हैं।

राज्य उपभोक्ता आयोग आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र कच्छवाहा, सदस्य लियाकत अली के समक्ष परिवादी ,राकेश बियानी व रेखा बियानी ने परिवाद प्रस्तुत करते हुए बताया कि उसने विपक्षी की मन्नत एक्जोटिया योजना में चार फ्लेट प्रथम, द्वितीय व तृतीय तल के लिऐ बुक करवाए थे। परिवादी ने बुकिंग राशि व अन्य राशि के कुल 33,61,205 रुपये अदा किए। विपक्षी ने निर्माण स्थल पर कोई कार्य प्रारंभ नहीं किया और धोखे मे रखकर राशि वसूल कर ली । निर्माण स्थल पर प्रथम व द्वितीय मंज़िल का निर्माण भी अधूरा व बंद पड़ा है। परिवादी को समाचार पत्रों के जरिए ज्ञात हुआ कि बिल्डर के विरूद्ध अन्य उपभोक्ताओं ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।

विपक्षी की योजना को जेडीए ने अप्रूप नहीं किया जिसके कारण भी योजना में कार्य बंद पड़ा है। परिवादी ने राशि वापस लेने के लिए विधिक नोटिस भी दिया द्य परिवादी ने आयोग के समक्ष जमा राशि मय ब्याज वापस प्राप्त करने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया। विपक्षीगणों ने जवाब प्रस्तुत करते हुए बताया कि परिवादी ने इकरारनामे के अनुसार भुगतान नहीं किया द्य मौजूदा बिल्डिंग मे कई मंजिल बन चुकी है। परिवादी में वर्तमान में रुपए बकाया है।

परिवादी को इकरारनामे के अनुसार दीवानी वाद पेश करना चाहिए था। परिवादी ने व्यवसाय के उद्देश्य से फ्लैट खरीदे थे इसलिए परिवादी उपभोक्ता नहीं हैं। उपभोक्ता ने पूरी राशि जमा नहीं करवाई जिस कारण फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया। परिवादी बकाया राशि नहीं चुकाना चाहता है इसलिए परिवादी ने यह परिवाद प्रस्तुत किया है। दो फ्लोर बन चुके हैं तथा तीसरे फ्लोर का कार्य निर्माणाधीन है। परिवादी का परिवाद अस्वीकार किया जाए।

आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र कच्छवाहा, सदस्य लियाकत अली ने पत्रावली पर उपलब्ध दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए अपने निर्णय में कहा कि उपभोक्ता किराए के रूप मे स्थाई आय के लिए एक से अधिक फ्लैट क्रय कर सकता है इसलिए यह नहीं माना जा सकता कि फ्लैट विक्रय करने के लिए खरीदे गए है। आयोग के समक्ष राजीनामे की कई बार बातचीत भी हुई परंतु राजीनामा नही हुआ। विपक्षी ने आयोग के समक्ष फोटोग्राफ्स भी प्रस्तुत किए उन फोटोग्राफ में भी केवल दो मंजिल के पीलर व शटरिंग खड़े है वहां कोई पूर्ण निर्माण कार्य नहीं दिख रहा है।

आयोग ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर निर्णय करते हुए परिवादी के परिवाद को स्वीकार कर जमा राशि 36 लाख 61 हजार 205 रुपए जमा करने की तिथि से मय ब्याज अदा करने , शारिरिक मानसिक क्षतिपूर्ति एवम् परिवाद व्यय के कुल 30000 रु देने के आदेश दिए। परिवादी की और से अधिवक्ता नरेश सारस्वत, आलोक डोभाल एवं विपक्षी की और से विजय चौधरी, पीसी सिंघवी अधिवक्ता उपस्थित हुए।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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