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मंडी में मिड डे मील वर्कज का पांचवां त्रैवार्षिक जिला सम्मेलन आयोजित

सीटू के सम्मेलन में भाग लेती मिड डे मील वर्कज।

मंडी, 29 मई (Udaipur Kiran) । सीटू से सबंधित मिड डे मील वर्करज यूनियन का पांचवा त्रैवार्षिक ज़िला सम्मेलन कामरेड तारा चंद भवन मंडी में आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता बिमला, पवना देवी, संतोष, लालमन और रमेश ने की।

इस अवसर पर ज़िला प्रधान भुपेंद्र सिंह ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। वहीं यूनियन के ज़िला प्रभारी गुरदास वर्मा ने तीन वर्षों की रिपोर्ट पेश की जिसे चर्चा में के बाद पारित किया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए जगत राम ने कहा कि मिड डे मील योजना वर्ष 2004 में शुरू हुई थी और उस समय 150 रुपए महीने का का मानदेय दिया जाता था और उसके बाद 2007 में यूनियन बनने और लंबे संघर्ष के बाद आज वरकरों को 4500 रुपए महीने का मानदेय मिल रहा है जो यूनियन के संघर्ष का परिणाम है। पिछले साल हिमाचल सरकार द्वारा स्कूल बंद करने के बाद सरप्लस हुए वर्करों को घर भेजा जा रहा था। लेकिन उसका भी यूनियन ने विरोध किया और अब उन्हें दूसरे स्कूलों में एडजस्ट किया जा रहा है। यूनियन ने 12 महीने के वेतन के लिए हाई कोर्ट से केस दायर करके उसमें भी जीत हासिल की थी। लेकिन राज्य सरकार ने उसके ख़िलाफ़ अपील दायर करके उस पर रोक लगा कर मज़दूर विरोधी क़दम उठाया है।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार इन स्कीम वर्करों को बीस साल बाद भी शिक्षा विभाग का कर्मचारी बनाने के लिए तैयार नहीं है और उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता है। यही नहीं इन वर्करों को आकस्मिक, मैडिकल व प्रसूता अवकाश नहीं दिया जाता है। अब सरकार ने 25 बच्चों की शर्त लगाकर इनकी छंटनी शुरू कर दी है।

सीटू के ज़िला प्रधान भुपेंद्र सिंह ने कहा कि यूनियन मिड डे मील वर्करों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने और सरकार का न्यूनतम वेतन देने,12 महीने का वेतन हर महीने की 7 तारीख तक देने,बीस साल से काम कर रहे वर्करों की छंटनी रोकने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को मिलने वाली छुटि्टयां देने, वर्दी देने तथा खाना बनाने के अलावा अन्य अतिरिक्त्त काम न करवाने, न्यायालय के फैसले के तहत 12 महीने का वेतन देने, स्कूल बंद होने पर उन्हें दूसरे स्कूलों में एडजस्ट करने तथा बीमार,प्रसूता तथा ज़रूरी कार्य होने पर अवकाश देने का भी प्रस्ताव पारित किया। इन सभी मांगो को लेकर 9 जुलाई को मंडी ज़िला में हड़ताल की जाएगी।

गुरदास वर्मा ने कहा कि वर्तमान में यूनियन की सदस्यता 600 है ,जिसे इस साल एक हज़ार करने का लक्ष्य रखा है कुल 24 शिक्षा खंडों में से 15 में ही सदस्यता है जो इस साल सभी खंडों में की जाएगी। सम्मेलन में अगले तीन साल के लिए 41 सदस्यीय ज़िला कमेटी का भी चुनाव किया गया। जिसमें गोपालपुर की बिमला को प्रधान, धर्मपुर की राणो और च्चचयोट के बक्सी राम को उप प्रधान, सदर की ललिता को महासचिव, सदर की ही पवना देवी, कटौला के दुनीचंद औऱ सदर के लालमन को सह सचिव तथा बालीचौकी के भीष्म देव को कोषाध्यक्ष चुना गया।इसके अलावा तिलकराज, रीता, गायत्री, हल्या, ढिमेश्वरी,भामा, सत्या, रजनी, तारा, संतोष, रमेश, ममता, माया, लक्ष्मी, अनिता, प्रेमनीला, कौशल्या, द्रोम्पति, अंजना, सरला, दया, कृष्णा, सुलोचना, पुष्पा, निशा, रीतू,पूजा, शारदा, लता, लक्ष्मी, पदमा और गोमती को कमेटी सदस्य चुना गया। शिमला में 14-15 जून को होने वाले राज्य सम्मेलन के लिए 25 प्रतिनिधि भी चुने गए।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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