
-कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में 16 फीसदी की वृद्धि हासिल की
नई दिल्ली, 29 मई (Udaipur Kiran) । स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के नतीजे का ऐलान कर दिया है। 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में महारत्न पीएसयू कंपनी सेल की शुद्ध आय पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 1,126 करोड़ रुपये से 11 फीसदी बढ़कर 1,251 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
इस्पात मंत्रालय ने गुरुवार को जारी बयान में बताया कि सेल ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित कर दिए हैं। सेल को पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के मुकाबले 16 फीसदी की वृद्धि हासिल हुई है। कंपनी ने आगामी एजीएम में शेयरधारकों के अनुमोदन के लिए 1.60 रुपये प्रति शेयर (अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर) का अंतिम लाभांश प्रस्तावित किया है।
मंत्रालय के मुताबिक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी का मुख्य परिचालन से राजस्व वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 4.8 फीसदी बढ़कर 29,316 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 27,958 करोड़ रुपये था, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज करता है। क्रमिक रूप से राजस्व 20 फीसदी अधिक था।
सेल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि बदलती व्यापार नीतियों और आयात गतिशीलता द्वारा आकार लेने वाले वैश्विक इस्पात परिदृश्य में सेल लचीलापन और रणनीतिक चपलता का प्रदर्शन जारी रखे हुए है। उन्होंने कहा कि हमारे नवीनतम वित्तीय परिणाम परिचालन दक्षता, सतत विकास और स्टेकहोल्डर्स के लिए वैल्यू क्रिएशन के प्रति हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। प्रकाश ने कहा सेल राष्ट्रीय इस्पात नीति के अनुरूप नवाचार, लागत अनुकूलन और योजनाबद्ध भविष्य के विस्तार पर केंद्रित है।
अमरेंदु प्रकाश ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही जनवरी-मार्च में अंतरराष्ट्रीय टैरिफ और आयात दबावों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमारा प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है। ये जटिल परिस्थितियों से निपटने और हमारी स्थिति को मजबूत करने की हमारी क्षमता को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि घरेलू इस्पात की मांग के लिए सहयोगी सरकारी नीतियां शुभ संकेत दे रही हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, सेल राष्ट्रीय इस्पात नीति के अनुरूप नवाचार, लागत अनुकूलन और भविष्य के नियोजित विस्तार पर ध्यान केंद्रित किए हुए है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
