Maharashtra

शौचालयों की सफाई के लिए जन भागीदारी जरूरी – मनपा उपायुक्त दिघावकर

मुंबई, 28 मई (Udaipur Kiran) । मुंबई मनपा उपायुक्त (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन) किरण दिघावकर ने शहर के सावर्जनिक शौचालयों की सफाई के लिए शासन-प्रशासन के साथ सामाजिक संगठनों व जनभागीदारी पर बिल दिया है। उन्होंने कहा कि शौचालय साफ-सुथरे रहें यह हम सबकी जिम्मेदारी है।

भायखला (पूर्व) स्थित अन्ना भाऊ साठे थिएटर में बुधवार को ‘समुदाय आधारित संगठन प्रणाली को सशक्त बनाना’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन (एआईआईएलएसजी) की वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक उत्कर्षा कवडी, यूनिसेफ महाराष्ट्र के पर्यावरण व आपदा प्रबंधन समन्वयक यूसुफ कबीर, हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के संदीप शेठ सहित विभिन्न संगठनों, विकास एजेंसियों, कॉर्पोरेट क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे। उपायुक्त दिघावकर ने कहा कि आज मुंबई में बस्ती स्तर पर लगभग 2,300 सार्वजनिक शौचालय हैं। 1,600 और शौचालय बनाने का प्रस्ताव है। इन सभी शौचालयों का रखरखाव और मरम्मत बस्ती स्तरीय संगठनों की भागीदारी से मनपा के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के माध्यम से किया जाता है। इन संगठनों के साथ जनभागीदारी भी बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए सभी को पहल करनी चाहिए। क्योंकि उपयोगकर्ता की भी उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी इन संगठनों की। इस जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता से ही स्वच्छता बनी रहेगी।

मनपा उपायुक्त ने कहा कि स्वच्छता की थीम पर काम करने वाली संगठन प्रणालियों को भी सशक्त बनाया जाना चाहिए। इन सभी संयुक्त प्रयासों से मुंबई के सार्वजनिक शौचालय देश के सबसे स्वच्छ शौचालय के रूप में जाने जाएंगे। शौचालयों की सफाई से क्षेत्र में स्वच्छता बनी रहती है। क्षेत्र को साफ रखने से बीमारियों से बचाव होता है।

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(Udaipur Kiran) / वी कुमार

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