Madhya Pradesh

भोपालः मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यशाला में शामिल हुई किशोरियों

भोपालः मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यशाला में शामिल हुई किशोरियों

– ख्यातनाम विषय विशेषज्ञों ने किया शंकाओं का समाधान

भोपाल, 28 मई (Udaipur Kiran) । मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए सीएमएचओ कार्यालय भोपाल द्वारा बुधवार को विश्व माहवारी दिवस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी गई। कार्यशाला को सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली पोंक्षे वायंगणकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रिया भावे चित्तावर, वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ. अमिता सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.ज्योति खरे द्वारा संबोधित किया गया।

विशेषज्ञों द्वारा किशोर बालिकाओं और महिलाओं के सवालों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समाधान भी किया गया। मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में परामर्श एवं जागरूकता सत्रों का आयोजन किया गया। जिसमें किशोरियों को शारीरिक बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

किशोर अवस्था से ही स्वास्थ्य के प्रति जागरुक होना जरूरी

इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की प्रमुख सचिव सोनाली पोंक्षे वायंगणकर ने कहा कि समाज को मजबूत बनाने के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण बेहद जरूरी है। किशोरवय बालिकाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहकर शरीर, बुद्धि और मन से मजबूत रहना आवश्यक है। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों तक इस विषय पर जानकारी और सेवाओं को और बेहतर किया जा रहा है।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम से रखी जा रही स्वस्थ समाज की नींव

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने किशोरी बालिकाओं और महिलाओं की एनीमिया की जांच, आयरन फोलिक एसिड के सेवन के लाभ, सेनेटरी पैड के उपयोग और निस्तारण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा किशोर किशोरियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत शारीरिक, बौद्धिक एवं भावनात्मक समस्याओं का निराकरण किया जाता है। डॉ. तिवारी ने कहा कि किशोरावस्था शुरू होते ही लड़के एवं लड़कियों में कई शारीरिक बदलाव होते हैं, जो एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।

अत्याधिक रक्तस्राव बन सकता है एनीमिया का कारण

वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रिया भावे चित्तावर ने बताया कि मासिक धर्म के दौरान प्रतिदिन 2 से 3 पैड का इस्तेमाल सामान्य है। 5 से अधिक पैड अत्याधिक रक्तस्राव का सूचक है। माहवारी के बाद भी बीच समय में ब्लीडिंग, सम्भोग के दौरान कहीं आना गंभीर लक्षण है। इसकी चिकित्सक से जांच जरूरी है। डॉ. प्रिया ने बताया कि पैड्स को इस्तेमाल के बाद कागज में लपेट कर ऐसे कूड़ेदान में डाला जाना चाहिए जो प्रतिदिन खाली किए जाते हैं।

सभी सप्लीमेंट्स हमारी रसोई में ही मौजूद

कार्यशाला को संबोधित करते हुए वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ डॉ. अमिता सिंह ने बताया कि आयरन के अवशोषण में खट्टी चीजों का उपयोग जरूरी है। मुरमुरा, भुना चना ,नींबू प्रोटीन, आयरन और विटामिन सी के बेहद अच्छे स्रोत हैं। लोहे की कढ़ाई में बना खाना स्वास्थ्य के लिए ज्यादा उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियां गलतफहमियां और इसे धार्मिक विश्वासों से जोड़कर जटिल बना दिया गया है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि किशोरियों में होने वाले बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण माहवारी की शुरुआत होना है। इसे देखते हुए विषय विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर वैज्ञानिक एवं प्रमाणिक जानकारी देने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण विषय पर सही जानकारी ना होने के कारण लड़कियां माहवारी शुरू होने पर शर्मिंदगी का अनुभव करती है। जिसका असर उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है और कई बार तो उन्हें संक्रमण का सामना भी करना पड़ता है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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