Jammu & Kashmir

कर्रा ने जम्मू-कश्मीर में दोहरे नियंत्रण की आलोचना की, लोकतांत्रिक व्यवस्था के टूटने की दी चेतावनी

जम्मू, 28 मई (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने जम्मू-कश्मीर में मौजूदा शासन संरचना की तीखी आलोचना की है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में विकास में देरी के लिए दोहरे नियंत्रण प्रणाली को जिम्मेदार ठहराया है।

कर्रा ने इस बात पर जोर दिया कि दोहरे शासन का मॉडल जहाँ निर्वाचित प्रतिनिधि उपराज्यपाल के कार्यालय के व्यापक अधिकार के तहत काम करते हैं जो टिकाऊ नहीं है।

उन्होंने कहा कि लोग पूछ रहे हैं कि उन्होंने अपनी समस्याओं को हल करने के लिए वोट दिया या नई समस्याओं का सामना करने के लिए। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनका विश्वास डगमगा रहा है।

उन्होंने चेतावनी दी कि बढ़ती सार्वजनिक निराशा केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक और प्रशासनिक अस्थिरता को और गहरा कर सकती है। कर्रा ने कहा कि इस प्रणाली में न केवल प्रभावशीलता की कमी है बल्कि यह लोकतंत्र के मूल तत्व को भी नष्ट कर रही है। जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता और निर्वाचित प्रतिनिधियों को पूर्ण अधिकार वापस नहीं मिल जाते तब तक स्थिति और खराब होती रहेगी।

meकर्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का मौजूदा प्रशासनिक ढांचे से मोहभंग हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय लगभग ठप हो गए हैं। जमीनी स्तर पर गंभीर वित्तीय संकट है। हालांकि बजट पारित हो गया है लेकिन कोई फंड वितरित नहीं किया गया है यहां तक कि निर्वाचित विधायकों के लिए निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि भी नहीं दी गई है। हाल ही में हुई एक दुखद घटना और पर्यटन क्षेत्र पर इसके प्रतिकूल प्रभाव का जिक्र करते हुए कर्रा ने प्रशासन से लोगों का मनोबल और आर्थिक गतिविधि बहाल करने के लिए तत्काल विश्वास बहाली के उपाय शुरू करने का आह्वान किया।

(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता

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