कोलकाता, 28 मई (Udaipur Kiran) । हिंसा मामले में अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान संदेशखाली के विवादित नेता शेख शाहजहां ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में लिखित जवाब दाखिल किया है। उन्होंने दावा किया है कि जांच एजेंसी उनके खिलाफ ठोस सबूत पेश नहीं कर सकी है।
शेख शाहजहां के वकीलों ने न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की अदालत में जो लिखित दलील पेश की है, उसमें कहा गया है कि सीबीआई यह साबित करने में विफल रही है कि ईडी अधिकारियों पर हुए हमले के समय शाहजहां अपने घर पर मौजूद थे। वकीलों ने तर्क दिया कि सिर्फ मोबाइल टावर की लोकेशन से किसी व्यक्ति की सटीक उपस्थिति का पता नहीं लगाया जा सकता, यह केवल यह दर्शाता है कि संबंधित व्यक्ति उस टावर की सीमा में मौजूद था।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सीबीआई ने जो हथियार बरामद किए हैं, वे शेख शाहजहां के नहीं हैं बल्कि अबू तालेब शेख के घर से मिले हैं। वकीलों का यह भी कहना है कि अब तक कोई भी गवाह यह नहीं कह पाया है कि शेख शाहजहां के इशारे पर ईडी अधिकारियों या केंद्रीय बलों पर हमला किया गया था। न ही इस बात का कोई प्रमाण है कि शाहजहां ने भीड़ जुटाने में कोई भूमिका निभाई थी।
सीबीआई ने भले ही फोन रिकॉर्डिंग का हवाला दिया हो, लेकिन अदालत में बातचीत का ट्रांसक्रिप्शन तक पेश नहीं किया गया। शाहजहां ने अपने बयान में खुद को एक मछली और ईंट व्यवसायी बताया है और कहा है कि अगर अदालत चाहे तो वह जमानत के लिए कोई भी शर्त मानने को तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीबीआई ने शेख शाहजहां की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अदालत में कहा था कि पांच जनवरी 2024 को जब ईडी की टीम केंद्रीय बलों के साथ राशन घोटाले की जांच में उनके घर पर छापा मारने गई थी, तब वहां हमला हुआ था। उस मामले में तृणमूल कांग्रेस के दबदबे वाले इस नेता का नाम पहले से ही जुड़ा हुआ है। अदालत गर्मी की छुट्टियों के बाद इस मामले पर फैसला सुनाएगी।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
