

धमतरी, 27 मई (Udaipur Kiran) । जिले में शिक्षण सत्र 2024 -25 के 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम को लेकर डाॅ शोभाराम देवांगन शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धमतरी में मंगलवार काे सभी प्राचार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ। बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने कहा कि जब प्राचार्यों और शिक्षकों को 100 प्रतिशत वेतन मिल रहा तो परीक्षा परिणाम 21 एवं 24 प्रतिशत क्यों, यह नहीं चलेगा।
बैठक में उन्होंने 50 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम लाने वाले स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षकों को जमकर फटकार लगाई। वहीं शत प्रतिशत परिणाम लाने वाले स्कूलों के प्राचार्य और शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए शाबाशी दी। शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम लाने वाले स्कूल के प्राचार्यों ने 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को लेकर अपने अनुभव साझा किया। इस समीक्षा बैठक में सहायक संचालक शिक्षा अजीत जाट, डीईओ टी आर जगदल्ले, लीलाधर चौधरी, देवेश सूर्यवंशी, भुवन जैन, के के साहू, चारों विकासखंड के शिक्षा अधिकारी, जिले के सभी प्राचार्य और शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
समीक्षा के दौरान महसूस किया कि प्राचार्यों के साथ एक अकादमिक चर्चा जिले में होनी चाहिए थी उसमें कहीं न कहीं जिला पिछड़ गया। ब्लूप्रिंट के आधार पर जिले में पढ़ाई नहीं हुई। कई प्राचार्य स्कूलों की समस्याओं को जिला शिक्षा अधिकारी को अवगत नहीं करा पाएं। अवगत कराए भी तो जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा उस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। ये सारे कारणों से एक ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दिए कि स्कूल का परिणाम कम आया। जिला शिक्षा अधिकारी टीआर जगदल्ले ने बहुत मेहनत की। खेद का विषय है कि उन्होंने एक बार भी तुमड़ीबहार स्कूल को छोड़कर किसी स्कूल के बारे में चर्चा नही की। तुमड़ीबहार के गांव वालों ने 21 दिन का धरना दिया था। स्कूल भवन की मांग की थी। डीपीआई में प्रस्तुत हुआ। उनका भवन स्वीकृत होने वाला है, लगभग प्रक्रिया पूरी हो गई है। जानकारी के अनुसार नत्थूजी जगताप नगर पालिक निगम स्कूल में इतिहास विषय को वायरमेन द्वारा पढ़ाना बताया गया। यहां के प्राचार्य की वेतनवृद्धि रोकने का आदेश दिया गया। जिस स्कूल में यह समीक्षा बैठक हो रही थी वहां का परिणाम भी खराब रहा। वहां के प्राचार्य पर भी कार्रवाई हुई। डीईओ टीआर जगदल्ले ने बताया कि जिन स्कूलों के 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम 50 प्रतिशत से कम है ऐसे स्कूल के प्राचार्यों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्रवाई और वेतनवृद्धि रोकने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही किसी भी स्कूल के शिक्षक जिनका परिणाम 50 प्रतिशत से कम है उनका भी एक वेतनवृद्धि रोकने कहा गया है।
शिक्षकों के व्यक्तिगत कारण से परिणाम बिगड़ रहा है तो यह मान्य नहीं
बैठक से पहले सभी स्कूलों और एकल शिक्षकों के परीक्षा परिणाम भी मंगवा लिए थे। बैठक में समीक्षा किया कि किस आधार पर अध्यापन कार्य सत्र 2024 -25 में किया गया। राज्य में धमतरी का परीक्षा परिणाम 12वीं में 21वें और 10वीं में 24 वें स्थान पर आ गया है। यह धमतरी वही जिला है जहां परिणाम में उसकी तूती बोलती थी, बच्चे मेरिट में आते थे। धमतरी जिले का बच्चा पीएमटी में प्रथम आया था। यहां की पढ़ाई का स्तर समृद्ध है। व्याख्याता, शिक्षक सभी अच्छी तरह से योग्य हैं। किन कारणों से परिणाम इस स्तर का आया है इसकी समीक्षा आज की गई है। जिसमें कुछ बातें सामने आई कि वास्तव में शिक्षकों को मुख्यालय में रहना चाहिए। यह शासन का नियम है। इसके लिए शिक्षकों को मकान भत्ता दिया जाता है। आठ किलोमीटर की परिधि पर व्यवस्था करने को कहा जाता है। कई शिक्षक 40 से 50 किलोमीटर की आना जाना कर रहे हैं वो क्या परिणाम देंगे। स्कूल खुलने से पहले अनिवार्य रूप से शिक्षकों को अपने कार्य क्षेत्र के पास में नियमानुसार मकान लेकर रहना ही पड़ेगा। जब तक आवेदन और प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करेंगे तो जून माह का वेतन रोका जाएगा। कई शिक्षक रायपुर और गरियाबंद जिले से आना-जाना कर रहे हैं, तो उनका उस गांव और स्कूल के प्रति क्या स्नेह होगा। स्कूल के आवश्यकताओं के लिए वे अतिरिक्त समय कब देंगे। कई प्राचार्यों ने अंग्रेजी विषय के शिक्षक की कमी बताई। जिस पर उन्हें फटकार लगाई कि हर शिक्षक को चार क्लास लेने का है। क्या बीए और बीएससी करने वाला शिक्षक अंग्रेजी नहीं पढ़ा सकता। बच्चे अध्ययन के लिए आ रहे हैं। दर्ज संख्या में कोई कमी नहीं है। शिक्षकों के व्यक्तिगत कारण से परिणाम बिगड़ रहा है तो यह मान्य नहीं है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
