
जयपुर, 27 मई (Udaipur Kiran) । देश में मानसून दस्तक दे चुका है और तय समयवधि से पहले प्रदेश में मानसून के दस्तक देने की संभावना है, लेकिन अभी तक दोनों निगम अपने क्षेत्र के नालों की सफाई नहीं करवाया पाया है। हालांकि ग्रेटर और हेरिटेज दोनों निगम प्रशासन करीब 70 फीसदी से अधिक नालों की सफाई का दावा कर रहे है, लेकिन वास्तविकता इसके उलट नजर आ रही है। सभी नाले कचरे और गदंगी से भरे है। हालांकि अभी तक निगम छोटे नालों की सफाई का काम भी पूरा नहीं करवाया पाया है। जहां पर नालों की सफाई की जा रही वहां पर अभी कचरे के ढेर लगे हुए है। सफाई के साथ कचरा नहीं उठ पा रहा है। इन हालातों से यह बात को साफ हो गई है कि इस बार मानसून में दोनों निगमों ने जयपुर शहर को डूबोने की पूरी तैयारी कर ली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहली बार दोनों निगमों ने नालों की सफाई के लिए तय समय पर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी थी। फरवरी में शुरू की गई टेंडर प्रक्रिया से नालों की सफाई का काम समय पर शुरू हो गया है, लेकिन समय पर पूरा होना नजर नहीं आ रहा है। ग्रेटर निग में चार सौ किलोमीटर की लंबाई वाले करीब 850 नाले है तो हैरिटेज निगम के सौ किलोमीटर लंबाई वाले करीब 435 नालों में सफाई का काम-काज शामिल है। नालों की सफाई का काम 15 जून से पहले पूरा करना है।
ग्रेटर निगम में 850 नालों में 500 से अधिक नालों की सफाई
जयपुर ग्रेटर निगम के अधीन छोटे-बड़े करीब 850 नाले है। निगम अभी तक करीब 500 ही नालों की सफाई कर पाया है। निगम अभी तक छोटे नालों की ही सफाई का काम कर रहा है। बड़े नालों की सफाई का काम तो अभी बाकी है। अब देखना यह है कि क्या तय समय पर नगर निगम नालों की सफाई करवा पाता है क्या मानसून में कॉलोनियां और सड़के पानी से लबालब नजर आएगी।
हेरिटेज निगम में 435 नाले में करीब 300 नालों की ही सफाई
प्रदेश में मानसून की एंट्री 15 से 20 जून के बीच हो सकती है। हेरिटेज निगम के अधीन 435 छोटे-बड़े नाले है। इनमें से करीब 300 ही नालों की सफाई हो पाई है। खास बात यह है कि हेरिटेज निगम ने अभी तक बड़े नालों की सफाई तक शुरू नही की है। हेरिटेज निगम के हवामहल जोन 190, सिविल लाइन 66, किशनपोल में 45 और आदर्श नगर में 74 नाले है। हेरिटेज निगम में दो बड़े नाले है। इसमें नागतलाई और ब्रह्मपुरी नाला शामिल है। नाग तलाई नाला लगभग 7.5 किलाेमीटर लम्बा है और ब्रहमपुरी नाला 3.5 किलाेमीटर लम्बा है। निगम के प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो इस बार समय रहते नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। जयपुर में तेज बारिश के बाद सभी प्रमुख सड़कें बहने लग जाती है। चारदीवारी के अलावा बाकी जगहों पर हालात ज्यादा खराब होते हैं। सबसे बड़ी समस्या होती है सीकर रोड बीआरटीएस कॉरिडोर, बीटू बाइपास, न्यू सांगानेर रोड, गोपालपुरा, टोंक रोड, जेएलएन मार्ग का कुछ हिस्सा, एमडी रोड, कालवाड़ रोड, बैनाड़ रोड, निवारू रोड, हवासड़क सहित अन्य सड़कें शामिल है।
कचरे और मिट्टी से भरी द्रव्यवती नदी, दिखा सफाई का अभाव
1500 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई द्रव्यवती नदी साफ-सफाई और बहते गंदे पानी की वजह से नाला ही बना हुआ है। वर्तमान हालात को देखे तो भी उसमें कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। द्रव्यवती नदी में पानी कम होते ही उसमें जमा मिट्टी और गदंगी नजर आने लगी है। इसके अलावा बॉम्बे अस्पताल के पास नाले में जलकुंभी उगी हुई है। द्रव्यवती नदी यहां पर हरे मैदान सा नजर आता है।
मानसून की तैयारियों को लेकर कलेक्टर ने ली बैठक
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कलक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक लेकर अधिकारियों को मानसून सीजन से पहले बाढ़ नियंत्रण एवं बचाव के सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में मानसून पूर्व तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में जेडीए, ग्रेटर और हेरिटेज निगम के अधिकारियों को सीवरेज एवं नालों की गुणवत्तापूर्ण सफाई का कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करने, सफाई के बाद सड़क पर जमा कीचड़ एवं गंदगी का उठाव करवाने, खुले सिवरेज के खुले चैंबर्स और मेनहोल पर ढक्कन लगावाने एवं नालों पर फैरो कवर लगवाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना के साथ-साथ मिट्टी के कट्टों, ट्रेक्टर-ट्रॉलियों, जेसीबी, पोकलेन, मडपंप, सहित मानव संसाधन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों को ढीले तारों को कसने, झुके हुए बिजली के पोलों को सीधा करने, खुले फीडरों बंद करने, खुले तारों को दुरुस्त करने एवं लो-लाइन पैनल बॉक्स एवं ट्रांसफार्मर को ऊंचाई पर लगवाने एवं मानसून सीजन के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने, जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पाइप लाइन की लीकेज दुरुस्त करने, आवश्यकता होने पर टैंकरों से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, रसद विभाग, पुलिस, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, वन विभाग, नगर निगम, जेडीए, जयपुर मैट्रो, गृह सुरक्षा, शिक्षा, पशुपालन सहित अन्य कई विभागों के अधिकारियों को भी मानसून के दौरान विभागीय स्तर पर अपेक्षित समस्त इंतजाम दुरुस्त रखने के निर्देश प्रदान किए।
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(Udaipur Kiran) / राजेश
