
जबलपुर, 27 मई (Udaipur Kiran) । महिला अधिकारी द्वारा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो.वर्मा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने वाले मामले को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एसआईटी द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे। हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए डीजीपी मध्य प्रदेश ने तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का एक विशेष जांच दल गठित कर दिया है। इस तीन सदस्यी एसआईटी में जांच दल में दो वरिष्ठ महिला अधिकारियों को रखा गया है। जिन अधिकारियों को जांच में शामिल किया गया है उनकी छवि बहुत स्ट्रिक्ट है।
अब ्रविश्वविद्यालय के कुलसचिव कार्यालय के माध्यम से एसआईटी मामले से जुड़े पक्षों को तलब कर रही है। डीजीपी कार्यालय अब जांच के मामले में कोई भी लापरवाही नहीं बरतना चाहता। ,वहीं जांच को लेकर पूरी गोपनीयता भी बरती जा रही है। जांच टीम विश्वविद्यालय को जांच का स्थान न बनाते हुए अन्य जगह पर कार्य कर रही है। एसआईटी ने अपनी जांच के दायरे बढ़ाते हुए उक्त प्रकरण में शामिल सभी पक्षों से पूछताछ शुरू कर दी है, सामने आई जानकारी के अनुसार अब तक कई गवाहों को तलब किया गया है।
उल्लेखनीय है कि महिला अधिकारी ने कुलगुरु प्रो. वर्मा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एक शिकायत राजभवन, उच्च शिक्षा विभाग सहित अन्य पक्षों से की थी। इस शिकायत में महिला ने वीसी चेंबर में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकार्डिंग फुटेज को अहम सबूत बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से फुटेज दिए जाने की मांग भी की थी। लेकिन जब लंबा समय बीत जाने के बाद भी न तो जांच हुई और न ही फुटेज मिले तो उक्त महिला अधिकारी ने एमपी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जांच कराए जाने की मांग रखी। कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि एसआईटी गठित कर पूरे मामले की जांच करायी जाए। एसआईटी को 16 जून तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करना है। फिलहाल एसआईटी को लेकर विश्वविद्यालय के गलियारों में सनसनी मची हुई है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
