
–स्टोन बनने का कारण कैल्शियम और ऑक्सालेट का न पचना
प्रयागराज, 27 मई (Udaipur Kiran) । मॉडर्न जमाने में लोग स्वाद के चलते अनहेल्दी खाना खा रहे हैं। शरीर में पोषक तत्व की कमी को पूरा करने के लिए कई तरह के फल और सब्जियों को भोजन में शामिल कर रहे हैं। फलों एवं सब्जियों का एक यूनिक नेचर होता है। जब दो अलग-अलग नेचर वाले फल या सब्जियों को एक साथ मिला दिया जाय तो यह शरीर के बैलेंस को डिस्टर्ब कर देते हैं l
यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान, मधुवन विहार स्थित प्रयागराज रेकी सेंटर पर जाने-माने स्पर्श चिकित्सक सतीश राय ने मंगलवार को कहा।
–गलत आहार खाने के हैं नुकसान
उन्होंने कहा कि हजारों वर्ष पुरानी पद्धति आयुर्वेद के अनुसार बहुत सारी चीज़ें हैं जिन्हें साथ में मिलाकर खाने से बहुत सारे नुकसान हो सकते हैं। लगातार विरुद्ध आहार खाने से शरीर पर सफेद दाग, एलर्जी, पेट का खराब होना, शरीर में बहुत सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है l
–खट्टे फलों के साथ दूध का सेवन गलत आहार
सतीश राय ने कहा ज्यादातर लोग सब्जियों में भिंडी बहुत पसंद करते हैं। आयुर्वेद में भिंडी के साथ दूध दही खीर लेना विरुद्ध आहार माना जाता है। भिंडी के साथ दूध नहीं लेना चाहिए, भिंडी और दूध दोनों के अंदर कैल्शियम होता है। लेकिन भिंडी के अंदर ऑक्सालेट (OXALATE) भी होता है जब ज्यादा कैल्शियम और ऑक्सालेट मिलते हैं तो यह शरीर में पचता नहीं है। जिस कारण किडनी में स्टोन होंने का खतरा बढ़ जाता है। भिंडी के अंदर एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो कफ दोष को बढ़ाता है। इसी तरह खाना खाने के बाद अक़्सर लोग चाय पीते हैं। यदि खाने में भिंडी है तो ज्यादा खतरनाक है। इसी तरह मूली, भिंडी के साथ नहीं खानी चाहिए। इससे पेट में दर्द, पेट फूलना, पेट में गैस का ज्यादा बनने की शिकायत हो सकती है। भिंडी के साथ करेला भी विरुद्ध आहार है, इसे भी साथ में खाने से बचना चाहिए।
–खराब आहार बनाता है शरीर को बीमार
सतीश राय ने कहा प्राकृतिक भोजन बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। प्रकृति हमें स्वस्थ रखने और रोगों से बचाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है। इसलिए विरुद्ध आहार खाने से बचना चाहिए। खराब आहार शरीर को ठीक से काम करने से रोकता है। शरीर में विषाक्त पदार्थों के संग्रह से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। मौसम बदलने पर बार-बार बीमार पड़ने का कारण खराब आहार भी है।
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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र
