Haryana

न्यायालय कर्मचारियों को सरकारी आवास में 15 प्रतिशत आरक्षण देगी सरकार

– अवमानना के आरोप में हाई कोर्ट में पेश हुए हरियाणा के मुख्य सचिव

चंडीगढ़, 26 मई (Udaipur Kiran) । पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की अवमानना के आरोप में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग सोमवार को हाई कोर्ट में पेश हुए। यह मामला अधीनस्थ न्यायालयों के कर्मचारियों को सरकारी आवास में 15 प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़ा है, जिसकी सिफारिश शेट्टी आयोग ने की थी। हाई कोर्ट ने सरकार के रवैये पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस आदेश के क्रियान्वयन को रोकने के लिए एक सुनियोजित साजिश रची गई है।

पेशी के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार दिशा-निर्देशों के अनुसार काम कर रही है। जल्द ही आवास आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

जस्टिस हरकेश मनूजा की एकल पीठ ने पिछली सुनवाई में कहा था कि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि शेठी आयोग ने 31 मार्च 2003 को सिफारिश की थी कि सरकारी आवासों के सामान्य पूल में से 15 प्रतिशत आवास न्यायिक कर्मचारियों के लिए आरक्षित किए जाएं।

इन्हें संबंधित जिले के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अथवा वहां के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी को आवंटन के लिए सौंपा जाए। यह सिफारिश 1 अप्रैल 2003 से लागू भी हो गई थी। 22 साल बीत जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कोर्ट ने यह भी पाया कि मई और नवंबर 2022 में सरकार की ओर से दो अधिसूचनाएं जारी की गईं, जिनमें ‘जनरल पूल हाउस’ का नाम बदलकर ‘स्टेट हेड क्वार्टर पूल’ कर दिया गया। न्यायालय के अनुसार यह बदलाव आदेशों को दरकिनार करने और अदालत को गुमराह करने की एक स्पष्ट कोशिश थी।

जस्टिस मनूजा ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि सरकार ने जानबूझकर न्यायालय के आदेशों को निष्प्रभावी बनाने का प्रयास किया और यह अदालत की अवमानना की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करते हुए उन्हें 26 मई 2025 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था। जिसपर आज मुख्य सचिव ने कोर्ट को बताया कि बहुत जल्द सरकार इस दिशा में कार्रवाई करने जा रही है।

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(Udaipur Kiran) शर्मा

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