
जम्मू, 26 मई (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) ने हिंदी साहित्य में उनके योगदान को मान्यता देते हुए प्रसिद्ध हिंदी लेखिका डॉ. चंचल डोगरा (शर्मा) को सम्मानित करने के लिए “लेखक से मिलिए” नामक एक ज्ञानवर्धक साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया।
जेकेएएसीएल की सचिव हरविंदर कौर ने अतिथियों और प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने विस्तार से बताया कि इस श्रृंखला का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के कवियों, लेखकों और कलाकारों के जीवन और कार्यों का दस्तावेजीकरण करना है। उन्होंने डॉ. चंचल डोगरा की साहित्यिक उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका काम लगातार महिलाओं की आवाज, सामाजिक चुनौतियों और सांस्कृतिक मूल्यों को उजागर करता है।
इस दौरान डॉ. जावेद राही, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. पी.एन. त्रिसाल, डॉ. आर.एल. शांत और डॉ. ए.एस. अमन पूर्व अतिरिक्त सचिव जेकेएएसीएल कार्यक्रम में उपस्थित थे।
डॉ. आदर्श प्रकाश द्वारा एक विचारशील और व्यापक पेपर प्रस्तुति दी गई जिसमें उन्होंने डॉ. चंचल डोगरा के लेखन की साहित्यिक यात्रा, विषयों और शैलीगत गहराई पर विचार किया। डॉ. चंचल डोगरा एक प्रसिद्ध लेखिका, संपादक और शिक्षाविद हैं जिन्हें कविता, निबंध और लघु कथाओं के माध्यम से हिंदी साहित्य में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। उनकी रचनाएँ अक्सर गहरी सामाजिक चेतना और मनोवैज्ञानिक अंतर्दृष्टि को दर्शाती हैं विशेष रूप से महिलाओं के अनुभवों से संबंधित। “मैं और मेरी साहित्यिक यात्रा” शीर्षक वाले सत्र के दौरान डॉ. डोगरा ने पाँच दशकों से अधिक की अपनी व्यक्तिगत और साहित्यिक यात्रा को साझा किया।
उन्होंने एक लेखिका के रूप में अपने विकास, साहित्यिक दुनिया में एक महिला के रूप में उनके सामने आने वाली चुनौतियों और सच्चाई, लचीलापन और मानवीय भावना को मूर्त रूप देने वाले साहित्य के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बारे में बात की। कार्यक्रम का समापन डॉ. जावेद राही द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ जिन्होंने डॉ. डोगरा के साहित्यिक योगदान की सराहना की और दर्शकों को उनकी उत्साही भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन जेकेएएसीएल के हिंदी संपादक डॉ. चंचल शर्मा ने किया जिन्होंने कार्यक्रम की कार्यवाही को कुशलतापूर्वक संचालित किया।
(Udaipur Kiran) / अमरीक सिंह
