
सिरसा, 26 मई (Udaipur Kiran) । सिरसा जिला के गांव ढूकड़ा के पास सोमवार को बरूवाली माइनर टूट गई। नहर में करीब 30 फीट चौड़ी दरार आ गई, जिससे आसपास के खेतों में पानी भरा गया। नहर टूटने से दर्जनभर गांवों के किसान सिंचाई पानी से वंचित रह गए। एक महीने से पेयजल की किल्लत झेल रहे ग्रामीणों को नहर आने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली।
ग्रामीणों ने बताया कि बरूवाली नहर से जमाल, कुतियाना, बरासरी, रायपुर, रूपावास, ढूकड़ा, गुडिय़ाखेड़ा सहित कई गांवों में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल की व्यवस्था होती है। सुबह ही नहर में पानी आया था और दोपहर को अचानक नहर टूट गई। सिंचाई व्यवस्था तो दूर अब पेयजल की व्यवस्था भी नहीं हो सकेगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण दो महीने से पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। सरकार और सिंचाई विभाग की लापरवाही की वजह से लोगों को पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन गांव की डिग्गियां खाली पड़ी हैं और ग्रामीण नहर आने पर पानी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नहर में पानी आते ही टूट गई और पीने के पीने के पानी का प्रबंध करना भी मुश्किल हो गया है। नहर टूटने की सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दे दी गई है लेकिन अब कब नहर बंधेगी और कब दोबारा पानी आएगा यह तो चिंता का विषय है।
नरमा की बिजाई अटकी
माखोसरानी, दड़बा कलां, रुपाणा खुर्द आदि गांवों के खेतों में बरूवाली नहर के पानी से सिंचाई की जाती है। अब नहर टूटने से इन गांवों के पानी की बारी वाले किसानों के खेत बिना सिंचाई के ही रह गए। किसानों का कहना है कि नहर टूटने से नरमा की बिजाई भी मुश्किल हो गई है। किसानों का कहना है कि बार-बार नहर टूटने के कारण फसलों का उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ता है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है।
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(Udaipur Kiran) / Dinesh Chand Sharma
