

गोलाघाट (असम), 26 मई (Udaipur Kiran) । काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) के संभावित खतरे को देखते हुए कोहोरा स्थित राज्य पशु चिकित्सा अस्पताल की छठी पशु चिकित्सा शाखा ने हाई अलर्ट जारी किया है। यह कदम विशेष रूप से जंगली सूअरों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पाले जाने वाले घरेलू सूअरों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
पशु चिकित्सक डॉ. बिस्वजीत बरुवा ने सोमवार को बताया कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर अत्यंत घातक बीमारी है, जिसके लिए अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इस रोग से संक्रमित सूअरों की मृत्यु दर लगभग 100 फीसदी होती है और संक्रमण के 24 से 48 घंटे के भीतर उनकी मृत्यु हो सकती है। हालांकि काजीरंगा में अभी तक इसका कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बरपेटा जिले में हाल ही में हुए प्रकोप ने चिंता बढ़ा दी है।
डॉ. बरुवा ने बताया कि जंगली सूअर अक्सर पार्क से सटे गांवों में घूमते हैं और घरेलू सूअरों के संपर्क में आते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। पशुपालकों को सलाह दी गई है कि वे अपने सूअरों को बाड़ों में रखें और बाहर से खरीदा गया चारा न खिलाएं, क्योंकि वायरस विभिन्न माध्यमों से फैल सकता है। पूर्व में, पार्क प्रशासन ने जंगली और घरेलू सूअरों के बीच संपर्क रोकने के लिए पार्क की सीमा पर खाइयां खुदवाई थीं।
एएसएफ का प्रकोप न केवल घरेलू सूअरों के लिए बल्कि काजीरंगा के जैव विविधता के लिए भी खतरा बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पार्क प्रशासन को सतर्कता बरतते हुए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
पशु चिकित्सा विभाग और वन विभाग मिलकर एएसएफ के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं और स्थानीय समुदायों से सहयोग की अपील कर रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
