Uttrakhand

मौन पालन बन रहा आजीविका का आधार

चमोली में मौन पालन करते हुए काश्तकार।

गोपेश्वर, 26 मई (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में मौन पालन काश्तकारों की आर्थिकी का मजबूत आधार बनने लगा है। मौन पालन कर काश्तकार कम लागत से अपनी आय बढ़ा रहे है। चमोली जिले में सरकार की ओर से संचालित मौन पालन योजना के तहत 505 काश्तकार मधुमक्खी पालन कर शहद का उत्पादन कर रहे हैं।

उद्यान विभाग चमोली के पीडीओ योगेश भट्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से काश्तकारों की आय बढ़ाने की मंशा से मौन पालन योजना का संचालन कर रही है। इसके तहत सरकार की ओर से 40 प्रतिशत राजकीय सहायता पर मौन कॉलोनी (बॉक्स) उपलब्ध करवा रही हैं। योजना में आवेदन करने वाले काश्तकारों को मधुमक्खी पालन का सात दिवसीय प्रशिक्षण देने और 1050 रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।

उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग की ओर से चमोली जनपद के 505 काश्तकारों के साथ मौन पालन किया जा रहा है। काश्तकारों ने मधुमक्खी पालन कर वर्तमान में करीब 249.48 कुंतल शहद का उत्पादन किया है। इसका विपणन कर काश्तकार 1200 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से विपणन कर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।

क्या कहते हैं काश्तकार:-

गोपेश्वर निवासी रोहितास पुरोहित का कहना है कि वर्ष 2023 में एक मौन कॉलोनी (बॉक्स) के साथ काम शुरु किया था। इसके बाद उद्यान विभाग की ओर से मिले प्रशिक्षण के साथ वर्तमान में 25 मौन कॉलोनियों (बॉक्स) के साथ काम कर रहा हूं। मौन पालन कम मेहनत में बेहतर आय देने वाला कार्य है। इसे व्यवसायिक स्तर पर करने पर विपणन की भी कोई परेशानी नहीं है। खुले बाजार में शहद 1200 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर आसानी से बिक रहा है।

बैरागना गांव निवासी वीरेंद्र सिंह और टंगसा गांव निवासी प्रमेंद्र सिंह का कहना है कि मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण के बाद स्वयं देखरेख कर अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। जिसे युवा घर पर ही अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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