Haryana

झज्जर : छात्र की हड्डी तोड़ने के आरोपी शिक्षक पर कार्रवाई के निर्देश

संस्कारम स्कूल, पाटोदा, झज्जर

झज्जर, 26 मई (Udaipur Kiran) । हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग ने जिला की पाटोदा स्थित संस्कारम स्कूल में एक अध्यापक द्वारा इसी महीने 11वीं कक्षा के एक विद्यार्थी की पिटाई के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने सोमवार को आदेश जारी कर जिला पुलिस आयुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी को मामले में पारदर्शिता से जांच करने के आदेश दिए हैं।

संस्कार स्कूल पाटोदा में इसी महीने के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में अध्यापक द्वारा पिटाई करने से बच्चे का हाथ टूटने का मामला सामने आया था। विद्यार्थी के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में अध्यापक पर बेटे की निर्माता से पिटाई करने का आरोप लगाया था। इस विषय में 17 मई को जिला पुलिस ने अध्यापक आरएस राठौड़ उर्फ सोनू के खिलाफ जुएनाईल एक्ट 75 सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। मामले की जानकारी मिलने पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने इस पर संज्ञान लिया है। आयोग की पूर्ण पीठ ने जिला पुलिस आयुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर जांच करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

आयोग को जानकारी मिली थी कि घटना के बाद छात्र को उसी शिक्षण समूह द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती कराया गया और अस्पताल में उसके परिजनों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार और डराने-धमकाने का प्रयास किया गया।आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन व दीप भाटिया को मिलाकर बने पूर्ण आयोग ने इस घटना में छात्र को हुए शारीरिक एवं मानसिक कष्ट पर गहरी चिंता व्यक्त की है।आयोग ने कहा है कि यह मामला शारीरिक हिंसा, मानसिक उत्पीड़न और संस्थागत लापरवाही को भी दर्शाता है, जो बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह केवल एक पृथक हिंसा की घटना नहीं है, बल्कि यह छात्र सुरक्षा एवं स्टाफ आचरण की निगरानी में संस्थागत विफलता को दर्शाती है। ऐसा व्यवहार शैक्षणिक संस्थानों में विश्वास को कमजोर करता है और शिक्षक-छात्र संबंध की पवित्रता को क्षति पहुंचाता है।

न्यायमूर्ति ललित बत्रा की अध्यक्षता वाले पूर्ण आयोग का कहना है कि यह घटना किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 और 82 के अंतर्गत बच्चों के प्रति क्रूरता और शारीरिक दंड पर लगे प्रतिबंधों का स्पष्ट उल्लंघन है। आयोग ने पुलिस आयुक्त झज्जर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि मामले की जांच निष्पक्ष, पारदर्शी एवं समयबद्ध ढंग से उनके प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में की जाए। संबंधित पक्षों के बयान और चिकित्सकीय अभिलेख सहित एक स्थिति रिपोर्ट इस आदेश की तिथि से चार सप्ताह के भीतर आयोग को प्रस्तुत की जाए।जिला शिक्षा अधिकारी, झज्जर को निर्देशित किया है कि संबंधित स्कूल का तत्काल संस्थागत ऑडिट किया जाए। ऑडिट में यह जांच की जाए कि क्या विद्यालय में एक प्रभावी बाल संरक्षण नीति मौजूद है। छात्रों व अभिभावकों के लिए शिकायत निवारण की व्यवस्था रिचार्ज करने और स्टाफ के दुर्व्यवहार से संबंधित आंतरिक अनुशासनात्मक प्रक्रिया प्रभावी रूप से लागू होने या ना होने की भी जांच करने का आदेश आयोग ने दिया है। पुलिस अधीक्षक, झज्जर और जिला शिक्षा अधिकारी, झज्जर से इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई। यह रिपोर्ट सुनवाई की तिथि 8 जुलाई से पहले आयोग के समक्ष प्रस्तुत करनी है।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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