Uttar Pradesh

वट सावित्री का व्रत करने से सुहागिनों को मिलता है अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद

सांकेतिक फाेटाे
पंडित राम कुमार मिश्रा शास्त्री

— 26 मई को वट सावित्री व्रत

लखनऊ, 25 मई (Udaipur Kiran) । इस बार वट सावित्र व्रत 26 मई को मनाया जाएगा। इस दिन को पूजा के अमृत सर्वोत्तम योग सुबह 5:51 बजे से 7:34 बजे तक रहेंगे। उत्तम शुभ योग सुबह 9:17 मिनट से 11 बजे तक, अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:15 से 1.05 बजे तक रहेगा। महिलाएं शिव, विष्णु एवं सावित्री की आराधना करें। पीला वस्त्र धारण कर अपने पति का चेहरा देखें। वट सावित्री का व्रत करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। यह कहना है पंडित राम कुमार मिश्रा शास्त्री का।

उन्होंने बतााया है कि वट सावित्री व्रत विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो आमतौर पर ज्येष्ठ महीने में मनाया जाता है। उपवास तीन दिनों तक चलता है। ये त्रयोदशी से शुरू होकर पूर्णिमा (पूर्णिमा) या अमावस्या (अमावस्या) के दिन समाप्त होता है। यदि कोई महिला तीनों दिन उपवास करने में असमर्थ है, तो वह केवल अंतिम दिन उपवास करने का विकल्प चुन सकती है।

इस व्रत का उद्देश्य सुखमय और स्थायी विवाह का आशीर्वाद प्राप्त करना है। इस वर्ष वट सावित्री व्रत 26 मई को पड़ेगा। वट सावित्री का व्रत करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है।

इसे महिलाएं निर्जला उपवास रख विधिपूर्वक वट यानी बरगद पेड़ की पूजा करती हैं। वट सावित्री व्रत में वट पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने से पति के जीवन पर मंडरा रहा हर खतरा दूर हो जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यमराज ने माता सावित्री के पति सत्यवान के प्राणों को वट वृक्ष के नीचे ही लौटाया था। बरगद पेड़ के साथ ही वट सावित्री के दिन माता सावित्री की भी पूजा की जाती है।

इस बार वट सावित्री व्रत के साथ इस दिन सोमवती अमावस्या होने के कारण इस दिन की महत्ता और अधिक बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं शिव, विष्णु एवं सावित्री की आराधना करें। जिससे उनके पति पर आने वाली सारी परेशानियां दूर होंगी।

(Udaipur Kiran) / दीपक वरुण

Most Popular

To Top